नई दिल्ली। EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने देश के लाखों कर्मचारियों को कोरोना संकट में राहत प्रदान की है। लॉकडाउन के दौरान संगठन ने गत दो महीनों में 36 लाख से अधिक एडवांस क्लेम के मामलों का सेटलमेंट किया है। इन मामलों में कुल 11 हज़ार 540 करोड़ रुपयों का भुगतान खाताधारकों को किया गया है। यह भुगतान कोविड-19 की श्रेणी के तहत किए गए क्लेम के तहत विशेष रूप से किया गया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMKGY) के तहत कोविड-19 एडवांस के मद में 4,580 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया।
श्रम मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक कोविड-19 जैसे चुनौतीपूर्ण दौर में अपने सदस्यों की जीविका और जीवन-स्तर बनाए रखने और उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ईपीएफओ ने कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके तहत संगठन ने अप्रैल और मई को मिलाकर 36.02 लाख दावों का निपटारा किया। इन दावों के तहत ईपीएफओ ने 11,540 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
यह है योजना
कोरोना संकट के इस दौर में ईपीएफओ ने कोविड-19 एडवांस मद में अपने सदस्यों के लिए विशेष सुविधा शुरू की। इसके तहत कर्मचारी अपनी तीन महीने की बेसिक सैलरी और डीए, या पीएफ खाते में जमा रकम के 75 फीसद हिस्से (जो भी कम हो) तक की निकासी कर सकते हैं। श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस सुविधा ने संकट के इस वक्त में कई सदस्यों को कर्जदार होने से बचा लिया है।
15 हजार रुपए से कम वेतन वालों ने किए क्लेम
लॉकडाउन की अवधि में जितने भी ईपीएफओ सदस्यों ने दावे किए, उनमें से 74 फीसद की सैलरी 15 हजार रुपये से कम थी। वहीं, 15,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक सैलरी वालों की संख्या 24 प्रतिशत थी। उससे ऊपर की सैलरी वालों की तादाद सिर्फ दो प्रतिशत रही।