मुंबई। कमोडिटी डेरिवेटिव सेगमेंट में एनएसई और बीएसई अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। इसके तहत अगले महीने से दोनों एक्सचेंज नई शुरुआत करेंगे। एनएसई और बीएसई गोल्ड मिनी जैसी कमोडिटी में ऑप्शन को लांच कर रहे हैं। इसके साथ ही बीएसई चांदी किलो जैसी कमोडिटी लॉन्च करेगी। दोनों की इस योजना से कमोडिटी में वर्चस्व स्थापित कर चुके एमसीएक्स को सीधी टक्कर मिलेगी।
एनएसई 8 जून को, बीएसई एक जून को लांच करेगा
बाजार नियामक सेबी द्वारा अप्रूव्ड लिक्विडिटी वृद्धि योजना के तहत एनएसई अपने गोल्ड मिनी कॉन्ट्रैक्ट की बाजार में पेशकश भी करेगा। एनएसई 8 जून को गोल्ड मिनी पर ऑप्शन लांच करेगा। जबकि बीएसई 1 जून से गोल्ड मिनी और सिल्वर किलो कॉन्ट्रैक्ट्स पर ऑप्शन पेश करेगा।दोनों एक्सचेंजों पर लांच इस ऑप्शन का सीधा टक्कर एमसीएक्स के साथ होगा।
एमसीएक्स की सीडीएस में 94 प्रतिशत हिस्सेदारी
एमसीएक्स एक ऐसा स्टॉक एक्सचेंज है जो सबसे बड़ा मेटल्स और एनर्जी कमोडिटी डेरिवेटिव सेगमेंट (सीडीएस) चलाता है। वित्त वर्ष 20 में सीडीएस में लगभग 94 प्रतिशत उसकी बाजार हिस्सेदारी है। लगभग 5 प्रतिशत हिस्सेदारी एनसीडीईएक्स के पास थी और शेष 1 प्रतिशत पर बीएसई, आईसीईएक्स और एनएसई का कब्जा था।
एमसीएक्स पहले ही ऑप्शन लांच कर चुका है
एमसीएक्स पहले ही गोल्ड, सिल्वर और क्रूड ऑयल में ऑप्शन लांच कर चुका है। लेकिन ये फ्यूचर के ऑप्शन हैं, जहां ऑप्शन एक खास तारीख पर एक फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में तब्दील होता है। एनएसई और बीएसई सोने और चांदी के कॉन्ट्रैक्ट पर ऑप्शन्स पेश करेंगे। दोनों गोल्ड मिनी कॉन्ट्रैक्ट जो या तो एक्सचेंज ऑफर कर रहे हैं, उनमें अहमदाबाद बेसिस सेंटर के रूप में होगा जबकि बीएसई का सिल्वर कॉन्ट्रैक्ट भी अहमदाबाद ही होगा।
यह पहला मौका है
एनएसई के मुख्य चीफ बिजनेस डेवेलपमेंट ऑफिसर रवि वाराणसी ने कहा, यह पहला मौका है जब कोई घरेलू एक्सचेंज फिजिकल गोल्ड पर ऑप्शंस में ट्रेडिंग शुरू कर रहा है। निवेशक अब अपने निवेश के सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। गोल्ड ने हमेशा सेफ हार्बर एसेट की भूमिका निभाई है। यह ऑप्शंस प्रोडक्ट इस अनिश्चित समय के दौरान सोने में उत्कृष्ट बचाव और व्यापार की संभावनाएं प्रदान करता है।
यूरोपीय स्टाइल में होंगे ये ऑप्शंस
आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स के निदेशक नवीन माथुर ने कहा कि अगर अच्छी तरह से संभाला गया तो एनएसई और बीएसई दोनों अपने नए उत्पादों के लिए प्रतिभागियों को आकर्षित कर सकते हैं। ऑप्शंस यूरोपीय स्टाइल के होंगे, जिसका प्रयोग केवल समाप्ति पर ही किया जा सकता है। एक ऑप्शंस भविष्य में किसी निश्चित तारीख पर डिलीवरी के लिए एक निश्चित मूल्य पर अंडरलियर की खरीद या बिक्री की सुविधा प्रदान करता है। ऑप्शंस खरीदार के पास एक अधिकार है, लेकिन लेने के लिए या डिलीवरी की बाध्यता नहीं है। परंतु ऑप्शन सेलर देने या डिलीवरी लेने के लिए बाध्य है।