नई दिल्ली। आपने वह गाना तो सुना हो होगा, जाना था जापान पहुंच गए चीन समझ गए न। कुछ ऐसा ही मुंबई से गोरखपुर रवाना हुई एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन के साथ हुआ। ट्रेन को कहां तो पहुंचना था गोरखपुर लेकिन यह पहुंच गई ओडिशा के राउरकेला। यानी मुंबई से रवाना हुई वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों के लिए अपनों के पास पहुंचने का इंतजार लंबा हो गया।
21 मई को मुंबई से गोरखपुर के लिए रवाना हुई इस ट्रेन को शॉर्टेस्ट रूट से गुजरना था लेकिन रेलवे ने इसका रूट बदलकर काफी लंबा कर दिया और यह ट्रेन 8 राज्यों का चक्कर काटकर ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई। छीछालेदर होने के बाद रेलवे ने कहा कि भारी ट्रैफिक कारण यह बदलाव किया गया था।
मामला उछलने पर रेलवे ने दी सफाई
पश्चिम रेलवे ने एक बयान में बताया कि 21 मई को रवाना हुई वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन के रूट में बदलाव किया गया है। बयान के मुताबिक ट्रेन के मौजूदा रूट में भारी ट्रैफिक के कारण यह बदलाव किया गया है। इस ट्रेन को कल्याण, भुसावल, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, नैनी, दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन होते हुए गोरखपुर पहुंचना था। यह इसका सबसे छोटा रास्ता तो नहीं है, लेकिन रेलवे ने जो तय किया, उसी के हिसाब से चलेगी। उस हिसाब से इसे तीन राज्यों से गुजरना था। लेकिन अब इसका रूट बदल दिया गया और यह ट्रेन कई राज्यों का चक्कर काटकर ओडिशा पहुंची।
भारी ट्रैफिक का हवाला देकर बदला रूट
रेलवे का कहना है कि इटारसी-जबलपुर-पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रूट पर बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के चलने के कारण भारी ट्रैफिक है। इसलिए रेलवे बोर्ड ने पश्चिम रेलवे के वसई रोड, सूरत, वलसाड, अंकलेश्वर, कोंकण रेलवे और सेंट्रल रेलवे के कुछ स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों को फिलहाल बिलासपुर-झारसुगुडा-राउरकेला के रास्ते चलाने का फैसला किया है।
कई राज्यों से होते गोरखपुर पहुंची ट्रेन
इसी के चलते वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन को अब बिलासपुर-झारसुगुडा-राउरकेला रूट पर डाइवर्ट करने का फैसला किया है। इस तरह यह ट्रेन अब इटारसी से बिलासपुर, चाम्पा, झारसुगुडा, राउरकेकला, आद्रा, आसनसोल, जसीडीह, झाझा, क्यूल, बरौनी, सोनपुर, छपरा, सीवान होते हुए गोरखपुर पहुंचेगी। पहले इसे महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से होते हुए उत्तर प्रदेश पहुंचना था। लेकिन अब यह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, फिर झारखंड और उसके बाद बिहार होते हुए उत्तर प्रदेश पहुंचेगी।
अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं
इस बारे में रेलवे का कोई अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। जानकारों का कहना है कि रेलवे अपनी गलती को छिपाने के लिए बहाने बना रहा है। लॉकडाउन के कारण देश में रेल सेवा स्थगित है। आम दिनों में रोज औसतन 11000 गाड़ियां चलती हैं जबकि अभी तो महज कुछ सौ ट्रेनें ही चल रही हैं। इसलिए किसी भी रूट परभारी ट्रैफिक का सवाल ही पैदा नहीं होता।
वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए जो रूट बनाया गया था उस पर कोई भी राजधानी नहीं चलती है। देश में लॉकडाउन के दौरान 15 जोड़ी स्पेशल एसी ट्रेनें राजधानी के रूट पर चलाई जा रही हैं। रेलवे ने जिस रूट के व्यस्त होने का कारण वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन का रास्ता डाइवर्ट करने का फैसला किया है उस पर इक्का-दुक्का स्पेशल ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं।