नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों का देश के क्रूड आयात पर भी असर पड़ा है। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस की वेबसाइट पर उपलब्ध डाटा के मुताबिक, अप्रैल 2020 में देश में क्रूड ऑयल के आयात में 12.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान 17.28 मिलियन टन क्रूड का आयात हुआ है। डाटा के मुताबिक, जून 2019 के बाद क्रूड आयात में 10 महीने में यह सबसे बड़ी गिरावट है।
अप्रैल में फ्यूल की मांग 45 फीसदी घटी
डाटा के मुताबिक, अप्रैल 2020 में अन्य तेल उत्पादों के आयात में 6.5 फीसदी की गिरावट रही है। इस अवधि में 3.35 मिलियन टन अन्य तेल उत्पादों का आयात हुआ है। वार्षिक आधार पर इसमें 16 महीने की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। आपको बता दें कि लॉकडाउन के कारण अधिकांश आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी थीं। इस कारण अप्रैल में देश में फ्यूल की मांग में 45 फीसदी तक की गिरावट रही है।
रिफाइंड प्रोडक्ट का निर्यात 37 फीसदी बढ़ा
हालांकि, अप्रैल 2020 में रिफाइंड प्रोडक्ट का निर्यात पिछले साल के मुकाबले 37 फीसदी बढ़ गया है। इस साल भारत से 6.04 मिलियन टन रिफाइंड प्रोडक्ट का निर्यात किया गया है। डाटा के मुताबिक, रिफाइंड प्रोडक्ट के निर्यात में अक्टूबर 2016 के बाद सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है।
डीजल का निर्यात 68 फीसदी बढ़ा
वेबसाइट के मुताबिक, अप्रैल 2020 में डीजल के निर्यात में 68 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और इस अवधि में 3.40 मिलियन टन डीजल का निर्यात किया गया है। डीजल का अधिकांश निर्यात एशिया और मिडिल ईस्ट के देशों में किया गया है। इन देशों में लॉकडाउन के कारण रिफाइनरीज का कार्य ठप पड़ा है।
मई महीने में मांग बढ़ने की उम्मीद
केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि, इस अवधि में कुछ व्यावसायिक गतिविधियों की छूट दी गई है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मई महीने में देश में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग बढ़ सकती है। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी प्रतिबंधों में छूट मिलने से पेट्रोलियम उत्पादों की मांग बढ़ने की उम्मीद जताई थी।