नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना से लड़ाई के बीच आम आदमी को राहत देने के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया है। इस पैकेज के तहत टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) और टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) में 25 फीसदी की छूट दी है। टैक्स अधिकारियों का कहना है कि इसका फायदा केवल स्वरोजगार, प्रोफेशनल्स और सीनियर सिटीजंस को मिलेगा। नौकरीपेशा और एनआरआई करदाताओं को इस टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलेगा।
करदाताओं को 55 हजार करोड़ रुपए की बचत होगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की पहली किस्त की जानकारी देते हुए टीडीएस, टीसीएस में छूट का ऐलान किया था। वित्त मंत्री ने कहा था कि यह छूट टीडीएस, टीसीएस के सभी स्लैब्स पर लागू होगी और इससे करदाताओं के करीब 55 हजार करोड़ रुपए बचेंगे। यह टैक्स छूट आज यानी 14 मई से लागू हो गई है और 31 मार्च 2021 कर इसका लाभ मिलता रहेगा। गुरुवार को वित्त मंत्रालय ने टीडीएस, टीसीएस का नया स्लैब भी जारी कर दिया।
टैक्स की नई दरें
- सिक्युरिटीज पर ब्याज और डिविडेंड से होने वाली आय पर 10 फीसदी की बजाए अब 7.5 फीसदी की दर से टीडीएस लगेगा। व्यक्तिगत मामलों में अधिकतम 5000 रुपए का टैक्स लगेगा।
- सिक्युरिटीज पर ब्याज से अतिरिक्त मिलने वाली ब्याज पर 10 के बजाए 7.5 फीसदी टीडीएस लगेगा। इस कैटेगिरी में व्यक्तिगत मामलों में अधिकतम 5 से 50 हजार तक का टैक्स लगेगा।
- व्यक्तिगत या एचयूएफ की ओर से ठेकेदार को भुगतान पर 1 की जगह 0.75 फीसदी टीडीएस की कटौती। अन्य की ओर से भुगतान पर 2 की जगह 1.50 फीसदी टीडीएस कटौती।
- किराया पर मौजूदा 10 फीसदी की जगह 7.50 फीसदी टीडीएस और व्यावसायिक गतिविधि के लिए अतिरिक्त 2 फीसदी के बजाए 1.5 फीसदी टीडीएस देना होगा।
- व्यक्तिगत या एचयूएफ की ओर से किराए के भुगतान पर मौजूदा 5 की बजाए 3.75 फीसदी का टीडीएस लगेगा। इसमें अधिकतम टैक्स 50 हजार रुपए होगा।
- 1 करोड़ से ज्यादा की कैश निकासी पर 2 फीसदी की बजाए 1.50 फीसदी टीडीएस लगेगा।
- यदि किसी ने पिछले तीन एसेसमेंट वर्ष में रिटर्न दाखिल नहीं किया है और वह 20 लाख से ज्यादा और 1 करोड़ से कम की कैश निकासी करता है तो उस पर 2 फीसदी के बजाए 1.50 फीसदी टीडीएस लगेगा।
- यदि किसी ने पिछले तीन एसेंसमेंट वर्ष में रिटर्न दाखिल नहीं किया है और 1 करोड़ से ज्यादा की कैश निकासी करता है तो उसे मौजूदा 5 की बजाए 3.75 फीसदी की दर से टीडीएस देना होगा।
पैन-आधार की जानकारी ना देने वालों को भी कटौती का लाभ नहीं
साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि जिन करदाताओं ने टैक्स रिटर्न फाइल करते समय पैन या आधार नंबर की जानकारी नहीं दी है उन्हें टीडीएस में छूट का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार ने स्पष्ट किया कि ऐसे करदाताओं को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 206AA के तहत 20 फीसदी या इससे ज्यादा टीडीएस का भुगतान करना होगा। मौजूदा समय में 1 से 25 फीसदी तक की दर से टीडीएस देना होता है जो अब घटकर 0.75 फीसदी से 18.75 फीसदी तक हो गया है।
क्या होता है टीडीएस?
अगर किसी की कोई आय होती है तो उस आय से टैक्स काटकर अगर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाए तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को टीडीएस कहते हैं। सरकार टीडीएस के जरिए टैक्स जुटाती है। यह अलग-अलग तरह के आय स्रोतों पर काटा जाता है जैसे सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि पर। कोई भी संस्थान (जो टीडीएस के दायरे में आता है) जो भुगतान कर रहा है, वह एक निश्चित रकम टीडीएस के रूप में काटता है।