मुंबई/कोटा । असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात सरकारों ने राजस्थान के कोटा (Kota Rajasthan) में फंसे अपने छात्रों को वहां से निकाल लिया, लेकिन महाराष्ट्र सरकार अब तक सिर्फ बातचीत में लगी है, जबकि राजस्थान में राज करने वाली कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार में एक घटक दल है। अपने छात्रों को नहीं निकाल पाने पर ठाकरे को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
बीते दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कोटा में फंसे महाराष्ट्र के दो हजार छात्रों का मसला उठाया था। इस संबंध में चव्हाण ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। उस पत्र में उन्होंने कहा था कि देश के विभिन्न राज्यों के छात्र कोटा में रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। महाराष्ट्र के दो हजार छात्र हैं। उन्हें वहां से वापस अपने राज्य में लाना चाहिए। उन्हें उनके घर पहुंचाना चाहिए।
अशोक गहलोत से हुई बात
चव्हाण के ध्यान खींचने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से फोन पर बातचीत की। दोनों मुख्यमंत्रियों ने कोटा में महाराष्ट्र के छात्रों के लिए किए गए इंतजाम पर भी चर्चा की। दोनों राज्य सामूहिक रूप से उपायों पर काम कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये छात्र महाराष्ट्र लौट आएं। फोन पर बातचीत में दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उपायों पर भी चर्चा हुई।
दोनों जगह पर कांग्रेस की सरकार
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार में कांग्रेस एक प्रमुख घटक है, जिसकी सरकार राजस्थान में भी है। भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, असम, हरियाणा की सरकारों ने अपने छात्रों को राजस्थान से बुला लिया है, लेकिन कांग्रेस शासित महाराष्ट्र सरकार बातचीत में व्यस्त है।