कोचिंग छात्रों को लाने के लिए 100 बसें कोटा भेज रहे शिवराज, फंस गए नीतीश

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शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश

कोटा । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार भी राजस्थान के कोटा से अपने राज्य के छात्रों को वापस लाने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक, शिवराज सरकार ने लगभग 100 बसें भेजने का फैसला लिया है। करीब 2500 छात्रों को निकालने की योजना है। शिवराज सरकार के इस फैसले के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी छात्रों को निकालने को लेकर दबाव बढ़ेगा।

कोटा से छात्रों को निकालेगी MP सरकार
दरअसल, कोटा में फंसे छात्रों को उनके घर पहुंचाने का मुद्दा सियासी तौर पर गरमाया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोटा में फंसे छात्रों को वापस बुलाने के लिए करीब 200 बसें भेजी थीं, हालांकि, इस फैसले पर बिहार सरकार ने केंद्र से नाराजगी जताई। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने छात्रों को बसों से भेजे जाने को लॉकडाउन का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे कदम उठाए जाने लगे तो लॉकडाउन का मतलब नहीं रहेगा।

50 सीटों वाली 100 बसें भेजेगी शिवराज सरकार
हालांकि, बिहार के सीएम नीतीश कुमार की ओर से उठाए जा रहे सवालों के बीच मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने लगभग 100 बसें 50 सीटों वाली कोटा भेजने का फैसला लिया, इन बसों के जरिए वहां से लगभग प्रदेश के 2500 छात्रों को निकाला जाएगा। सोमवार शाम तक मध्यप्रदेश से बसें कोटा पहुंचने की संभावना है। मप्र के करीब 4 हजार विद्यार्थी अभी कोटा में हैं। गुजरात और छत्तीसगढ़ के अधिकारी भी कोटा प्रशासन से विद्यार्थियों की जानकारी ले रहे हैं।

अब क्या करेंगे बिहार के सीएम नीतीश कुमार
अब यूपी और मध्य प्रदेश सरकार की ओर से अपने छात्रों को कोटा से निकाले जाने के फैसले के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर भी दबाव बढ़ गया है। कोटा में बिहार के भी हजारों छात्र पढ़ते हैं। अगर नीतीश छात्रों के माता-पिता की मांग मानते हैं तो उन पर दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को लाने का भी दबाव बनेगा।

कोटा क्यों बन गया पॉलिटिकल हॉटस्पॉट
राजस्थान की कोचिंग सिटी कोटा में करीब 100 लोगों तक कोविड-19 का संक्रमण फैल चुका है। कोटा में 6 अप्रैल को पहला केस आया था। इस बीच 2 लोगों की मौत और अब एक कोचिंग छात्र को कोरोना की पुष्टि हुई, जिसके बाद देशभर के सभी अभिभावक जिनके बच्चे कोटा में पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी चिंता बढ़ गई। हालांकि, लॉकडाउन के चलते इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने आए हजारों छात्र यहां फंसे हुए हैं। इन्हीं छात्रों को निकालने के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है।