रुद्रप्रयाग। कोरोना संक्रमण के कारण गढ़वाल मंडल विकास निगम को चारधाम यात्रा के लिए मिली बुकिंग में एक करोड़ 25 लाख की बुकिंग अभी तक रद्द हो चुकी है। जीएमवीएन के यात्रा कार्यालय को बुकिंग रद्द करने के लिए अभी तक दो हजार ईमेल मिल चुकी हैं। साथ ही प्रतिदिन सैकड़ों कॉल आ रही हैं।
इस नुकसान की भरपाई के लिए यात्रियों से बुकिंग रद्द नहीं करने की अपील भी की जा रही है। ऐसे में जीएमवीएन ने यात्रियों को सुविधा दी है कि वे अपनी बुकिंग का अगले दो वर्षों में समयानुसार उपयोग कर सकते हैं। 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुल रहे हैं।
जबकि 29 अप्रैल को केदारनाथ व 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। लेकिन वैश्विक महामारी कोराना के चलते देशभर में आगामी तीन मई तक लॉकडाउन चलेगा। बस, ट्रेन और हवाई सेवाएं पूरी तरह से बंद हैं, जिस कारण धामों के कपाटोद्घाटन पर बाहरी क्षेत्रों से श्रद्धालु नहीं पहुंच पाएंगे।
चार करोड़ की मिली थी बुकिंग
साथ ही सोशल डेस्टेंसिंग को देखते हुए स्थानीय स्तर पर भी लोग नहीं पहुंच पाएंगे। जिस कारण गढ़वाल मंडल विकास निगम को चारधाम यात्रा के लिए आगामी 15 मई तक के लिए मिली चार करोड़ की बुकिंग में से सवा करोड़ की बुकिंग रद्द हो चुकी है।
रद्द हुई बुकिंग में केदारनाथ धाम में 28 अप्रैल से 5 मई तक के 1000 रूम, कॉटेज और ध्यान गुफा की बुकिंग भी शामिल हैं। जीएमवीएन के सहायक प्रधान प्रबंधक पर्यटन यात्रा एसपीएस रावत ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा के लिए 15 मार्च तक चार करोड़ की बुकिंग मिल चुकी थी। लेकिन बीते दस दिनों में सवा करोड़ की बुकिंग रद्द हो चुकी हैं।
जो बुकिंग रद्द हुई हैं, उसमें 80 लाख 30 हजार गेस्ट हाउस में रात्रि प्रवास, 10 लाख टूर-ट्रेवल्स और 21 लाख की अन्य बुकिंग प्रमुख हैं। यात्रियों से बुकिंग रद्द करने के बजाय उसका उपभोग आगामी समय में करने को कहा जा रहा है। यात्री अपनी बुकिंग का अगले दो वर्ष में अपने समय के अनुसार उपभोग कर सकते हैं। साथ ही उन्हें, उसी दर पर भुगतान करना होगा, जिस पर बुकिंग हुई थी।