यह अनिवार्य नहीं है कि तत्काल बिलों को अपलोड किया जाए और कंपनियां जब भी चाहें बिक्री के बाद बिल अपलोड कर सकती हैं।
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की आईटी प्रणाली की जिम्मेदारी संभालने वाली कंपनी जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने सभी बिलों को अपलोड करने के लिए आज से अपने सिस्टम को शुरू कर दिया है।
करदाताओं का कहना है कि उन्हें चीजों को समझने और बिलों की अपलोडिंग करने में अभी कुछ दिन और लगेंगे। हालांकि यह अनिवार्य नहीं है कि तत्काल बिलों को अपलोड किया जाए और कंपनियां जब भी चाहें बिक्री के बाद बिल अपलोड कर सकती हैं।
जीएसटीएन के मुख्य कार्याधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा, ‘सिस्टम लाइव हो गया है।’ इससे पहले भी जीएसटीएन ने बिलों को अपलोड करने की अनुमति दी थी, लेकिन यह सुविधा प्रदाताओं, कर सलाहकारों और कुछ कर अधिकारियों तक ही सीमित थी।
कुमार ने कहा कि बिलों को सुविधा प्रदाताओं के माध्यम से अपलोड कराया जा सकता है और साथ करदाता खुद भी बिल अपलोड कर सकते हैं। इसके लिए जीएसटीएन ने 30 जून को एक्सेल प्रारूप और ऑफलाइन टूल जारी किया था।
हालांकि क्लियरटैक्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी अर्चित गुप्ता, जो सुविधा प्रदाता भी हैं, ने कहा कि करदाताओं को उस पेज को तलाशने में कठिनाई हो सकती है, जहां उन्हें बिलों को अपलोड करना है।
उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि फिलहाल केवल जेएसओएन फाइल ही इसे सपोर्ट कर रहा है। ऐसे में बिलों के लिए एक्सेल शीट को जेएसओएन प्रारूप में बदलना होगा।’
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कारोबारियों को इसके प्रारूप को समझने में अभी कुछ दिन लगेंगे।