देश में लॉकडाउन के कारण डाटा खपत में 30% तक की बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के कारण देश में लगे लॉकडाउन के चलते अधिकांश कंपनियां अपने कर्मचारियों से घरों से काम (वर्क फ्रॉम होम) करा रही हैं। इससे इंटरनेट डाटा की खपत में तेजी आई है। इसका फायदा टेलीकॉम कंपनियों को होता दिख रहा है। टेलीकॉम ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में टेलीकॉम कंपनियों की आय 15 फीसदी तक बढ़ सकती है।

चौथी तिमाही में एआरपीयू 140-145 रुपए रहने की उम्मीद
भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, रिलायंस जियो समेत अन्य सदस्यों से मिले फीडबैक के आधार पर सीओएआई ने उम्मीद जताई है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में टेलीकॉम कंपनियों का औसत राजस्व प्रति उपभोक्ता (एआरपीयू) 140 से 145 रुपए के आसपास रह सकता है। दिसंबर तिमाही में एआरपीयू 124 रुपए था।

मार्च में 5 लाख नए इंटरनेट उपभोक्ता जुड़े
सीओएआई के डायरेक्टर राजन एस मैथ्यूज का कहना है कि राजस्व में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण डाटा की मांग में वृद्धि होना है। राजन मैथ्यूज के अनुसार वर्क फ्रॉम होम के कारम मार्च में डाटा की खपत में 15 से 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। राजन के अनुसार लॉकडाउन और स्कोप ना होने के बाद भी मार्च में 5 लाख नए इंटरनेट उपभोक्ता जुड़े हैं। इससे भी कंपनियों की कमाई में बढ़ोतरी हुई है। राजन के मुताबिक कंपनियों ने कोरोनावायरस महामारी सामने आने के बाद अपने ग्राहकों को 600 करोड़ रुपए का डाटा और मिनट्स मुफ्त दिए हैं। यदि वे ऐसा नहीं करतीं तो उनकी आय और ज्यादा होती।

टेलीकॉम कंपनियों को इस साल 10 से 12 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद
टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि डाटा यूसेज में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में उन्हें चालू वित्त वर्ष में अपने राजस्व में 10 से 12 फीसदी की ग्रोथ की उम्मीद है। कंपनियों के मुताबिक स्कूल्स में ऑनलाइन ई-क्लासेज शुरू होने के कारण भी खपत बरकरार रहेगा। कंपनियों का मानना है कि कोरोनावायरस महामारी के कारण आने वाली मंदी के बाद भी सब्सक्राइबर्स की संख्या में कमी नहीं आएगी। इसका कारण यह है कि आज मोबाइल संवाद का एक मुख्य स्रोत बन गया है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद प्रति माह जुड़ने वाले ग्राहकों की संख्या सामान्य हो जाएगी।