नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के प्रस्तावित विलय को मंजूरी दे दी है। वोडाफोन का नई कंपनी में 45.1 फीसदी हिस्सा होगा। जबकि आइडिया की 26 फीसदी हिस्सेदारी होगी। वहीं, 28.9 फीसदी हिस्सेदारी अन्य शेयरधारकों के पास होगी।
इस विलय से देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बनेगी। इसकी ग्राहक संख्या 40.71 करोड़ और 34.48 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी होगी। इस विलय से जहां वोडाफोन इंडिया की बाजार में पकड़ मजबूत होगी। वहीं आइडिया की मेट्रो शहरों में पहुंच बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि 23 अरब डॉलर का यह विलय भारत में विलय-अधिग्रहण का सबसे बड़ा लेनदेन होगा। इंडिया रेटिंग्स के मुताबिक मर्जर से बनने वाली कंपनी का रेवेन्यू 77,500 करोड़ से 80,000 करोड़ रुपए होगा। इस डील पर काम करने वाली लॉ फर्म शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के वकीलों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रतिस्पर्धा नियामक ने बिना किसी शर्त के इस विलय को मंजूरी दी है। उसे डील की व्यापक समीक्षा में ऐसा कुछ ऐसा नहीं मिला जिससे टेलीकॉम बाजार में प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती हो।
दूरसंचार नियामक ट्राई के 31 मई तक आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल 21.09 करोड़ ग्राहक संख्या (17.86% बाजार हिस्सेदारी) के साथ वोडाफोन देश की दूसरी और 19.62 करोड़ ग्राहक संख्या (16.62% बाजार हिस्सेदारी) के साथ आइडिया देश की तीसरी बड़ी टेलीकॉम कंपनी है।
जबकि 27.84 करोड़ ग्राहक संख्या (23.59% बाजार हिस्सेदारी) के साथ भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है। विलय की इस डील का ऐलान इस साल मार्च में हुआ था। इस पर शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी ने वोडाफोन इंडिया और वोडाफोन मोबाइल सर्विसेस को सलाह दी थी।