करौली। एक ओर कोरोनावायरस के संक्रमण से आमजन त्रस्त है और लॉक डाउन की स्थिति झेल रहा है। ऐसे में सब्जी के दामों में बढ़ोत्तरी ने लोगों की रोजमर्रा के जीवन और बजट को बिगाड़ कर रख दिया है। किसानों की सब्जियां कटकर खेतों में तैयार है, लेकिन निर्यात नहीं होने से सब्जी सड़ने को मजबूर है।
ऐसे में जहां एक और आमजन परेशान है वहीं दूसरी तरफ ट्रांसपोर्ट वाहनों की धरपकड़ के चलते किसानों की फसल भी खेत में सड़ने की कगार पर पहुंच चुकी है। जिसके कारण किसान और आमजन दोनों के पसीने छूट रहे है। किसानों पर आर्थिक संकट गहरा रहा है।
कोरोना के कहर से जनता महफूज रह सके लेकिन कोरोना वायरस ने इन किसानों की हालत खराब कर रखी है। जिसका मुख्य कारण किसानों की फसल का खेतों में पड़े रहना है। ऐसा ट्रांसपोर्ट साधनों का नहीं होना है। हालत यह हैं कि मंडियों में सब्जी नहीं पहुंचने के कारण जहां किसान परेशान है। वहीं दूसरी ओर मंडियों में सब्जियों की कमी के चलते सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं।
जिले में भी नहीं खपा सकते सब्जी
खेतों में सब्जी की जोरदार पैदावार है, जिसे जिले के आसपास भी नहीं खपा सकते। किसान व्यापारी गाड़ियों को सब्जियों से भर कर लोड करके मंडियों में जाने को तैयार है। खेतों में दर्जनों ट्रक व अन्य गाड़ियां भरी हुई खड़ी है। एक सप्ताह से निर्यात नहीं होने से खेतों में ढेर लगे हुए हैं। जिसको खराब होते देख किसान हताश होने लगे है।
लाखों के कर्ज तले दबे किसान
आसपास के गांवों में सैकड़ों किसानों ने इस वर्ष अच्छा मुनाफा कमाने के दिल में ख्वाब सजाए थे। पैदावार इस बार अच्छी हुई है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते उनका सब कुछ खत्म होने लगा है। खेतों में लगे सब्जियों के ढेर और खराब होती सब्जियों की पैदावार के चलते किसानों की आंखों से आंसू बहने लगे हैं।
सब्जी | थोक भाव पहले (प्रति किलो) | थोक भाव अब (प्रति किलो) | खुदरा भाव (प्रति किलो) |
लौकी | 18 से 20 | 7 से 8 | 35 से 40 |
करेला | 30 से 40 | 10 से 15 | 80 |
टमाटर | 25 | 10 | 40 से 65 |
कद्दू | 12 से 15 | 5 से 7 | 20 से 30 |
खीरा | 14 से 16 | 8 से 9 | 35 से 45 |
आलू | 15 | 10 | 25 |
प्याज | 20 | 20 | 40 से 60 |
जिले से कई राज्यों में निर्यात होती है सब्जियां
जिले के बीजलपुर ,सायपुर, पटौली, रघुवंशी, परीता, गुनेसरी, अटा सहित गांवों में पिछले कई वर्षों से कृषि विभाग के निर्देशन पर सैकड़ों किसान परिवार सब्जी फसलों की पैदावार की बिक्री कर अच्छा मुनाफा कमा लेता था। पैदावार तैयार होने के बाद अब सैकड़ों किसान अपनी सब्जी की पैदावार को दिल्ली, गुड़गांव, अलवर, भरतपुर, हरियाणा, सवाई माधोपुर, दौसा, लालसोट, जयपुर, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, कोटा, नीमच, धौलपुर सहित शहरों की मंडियों में निर्यात करते थे, लेकिन लॉकडाउन से एवं जनता को घरों में ही रहने के लिए कर्फ्यू जैसे सुरक्षा कानून व्यवस्था को लागू कर जनता को पाबंद किया गया है।
कलेक्टर से गुहार लगाई
गुनेसरी गांव में खेती करने वाले बरेली निवासी समसुद्दीन ने बताया कि 200 बीघा जमीन में वह अपने परिजनों के साथ सब्जी की खेती करता है। इस बार बंपर पैदावार हुई है लेकिन कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते सब्जियों को खेताें से अन्य मंडियों में ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था नहीं है। जैसे तैसे किसी पिकअप को तैयार करते है तो जगह-जगह पुलिसकर्मी परेशान करते है और खाली पिकअप गाडि़यों को तो वापस आने में भी भारी परेशानी होती है। ऐसे में कलेक्टर के यहां सभी किसानों ने मिलकर गुहार लगाई है लेकिन कोई सफलता नहीं मिल सकी है।
वाहनों के आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं
पुलिस अधीक्षक करौली अनिल कुमार बेनीवाल ने कहा कि पुलिस महानिदेशक ने भी आदेश निकाल दिए हैं कि देश में कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन के कारण खाद्य सामग्री के वाहनों के आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। किसान अपने माल वाहक वाहनों को आसानी से लेजा सकेंगे।