नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने आनुवंशिक रूप से संवर्धित (जीएम) बीटी कपास के बीजों की अधिकतम बिक्री मूल्य को अगले वित्तीय वर्ष के लिए 730 रुपये प्रति पैकेट पर बरकरार रखा गया है, लेकिन अमेरिका स्थित इस बीज प्रौद्योगिकी को उपलब्ध कराने वाली कंपनी मोन्सेंटो को दी जाने रॉयल्टी को खत्म कर दिया है।
मोनसेंटो, अब प्रमुख वैश्विक कृषि कंपनी बायर के नियंत्रण में है। बायर ने जून 2018 में 63 अरब डॉलर में मोनसेंटो का अधिग्रहण का सौदा पूरा किया है। उसने ‘ट्रेट वैल्यू’ अथवा रॉयल्टी को समाप्त किये जाने पर निराशा जताई है। एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, वर्ष 2020-21 के लिए बोल्गार्ड- II (बीजी- II) कपास बीज का अधिकतम बिक्री मूल्य 450 ग्राम के पैकेट के लिए 730 रुपये तय किया गया है। बीज का मूल्य 730 रुपये है जबकि ‘ट्रेट वैल्यू’ शून्य है। मौजूदा वित्तवर्ष के लिए यह दर 730 रुपये प्रति पैकेट है, जिसमें 20 रुपये की ‘ट्रेट वैल्यू’ शामिल है, जो बायर समूह को जायेगी।
बेसिलस थुरिंगिनेसिस (बीटी) कपास हाइब्रिड के बीजी-वन संस्करण का अधिकतम बिक्री मूल्य भी 635 रुपये पर अपरिवर्तित रखा गया है, जिसमें कोई ‘ट्रेट वैल्यू’ शामिल नहीं है। कपास बीज मूल्य (नियंत्रण) आदेश, 2015 के तहत, सरकार हर वर्ष बीटी कपास के लिए बीज मूल्य, आवर्ती रॉयल्टी (विशेषता मूल्य), ट्रेड मार्जिन और अन्य पहलुओं पर विचार करके अधिकतम बिक्री मूल्य तय करती है।
इस माह के आरंभ में, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद को सूचित किया था कि केंद्र सरकार बीटी कपास की बोलेटगार्ड- टू किस्म के लिए किसानों से वसूले जाने वाले ‘ट्रेट वैल्यू’ को माफ करने के बारे में विचार कर रही है ताकि किसानों को सस्ती कीमत पर बीज उपलब्ध हो सके। संपर्क करने पर, बायर के प्रवक्ता ने कहा: “हालांकि, फ़ीस शुल्क का पूर्ण उन्मूलन किया जाना निराशाजनक है, हम अन्य प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ मिलकर एक उचित दर वाले शुल्क बनाए रखने की आवश्यकता पर जोंर देते रहेंगे।”