नई दिल्ली। यस बैंक मामले में संस्थापक राणा कपूर की गिरफ्तारी के बाद उनकी बेटियां भी फंसती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने राणा कपूर की तीनों बेटियों के घर भी छापेमारी की। ईडी इस बात की जांच कर रहा है कि यस बैंक प्रमोटर राणा कपूर और उनकी दो बेटियों की डमी कंपनी ‘अर्बन वेंचर्स’ को घोटालेबाजों से 600 करोड़ रुपये मिले थे या नहीं।
यस बैंक ने डीएचएफएल को 3,750 करोड़ रुपये का लोन दिया था, नहीं लौटाने पर कोई कार्रवाई नहीं की। इससे शक गहराता है कि क्या राणा कपूर की बेटी ( जो Duit Urban Ventures Pvt Limited की डायरेक्टर हैं) को DHFL से 600 करोड़ मिले। सवाल उठ रहे हैं कि कहीं 600 करोड़ रुपये के इस लेनदेन और दीवान हाउसिंग के एनपीए में कोई संबंध तो नहीं।
राणा की बेटियों की कंपनी को मिले पैसे?
DHFL ने बैंक द्वारा दिए गए 4,450 करोड़ रुपये के लिए डूइट अर्बन को पैसे दिए थे, जिसकी जांच की जा रही थी। ईडी अधिकारियों ने कहा कि यस बैंक ने डीएचएफएल को 3,750 करोड़ रुपये का कर्ज और डीएचएफएल द्वारा नियंत्रित कंपनी आरकेडब्ल्यू डिवेलपर्स को 750 करोड़ रुपये का एक और कर्ज किया था। इन लोन्स को वापस न किए जाने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और एनपीए में डाल दिया गया।
DHFL और 79 डमी कंपनियां
ईडी को इस बात का शक है कि 4,450 करोड़ रुपये की यह राशि, उस 13,000 करोड़ रुपये का हिस्सा है जो डीएचएफएल की ओर से 79 डमी कंपनियों को कथित तौर पर दी गई। इन्ही कंपनियों में अर्बन वेंचर्स भी शामिल है।
राणा की पत्नी के बैंक खाते भी जांच के दायरे में
सूत्रों के मुताबिक, राणा कपूर की पत्नी बिंदू कपूर और तीनों बेटियों- राखी कपूर, रोशनी कपूर और राधा कपूर के संबंध ऐसी कुछ कंपनियों से हैं, जिन्हें गलत तरीके से पैसे ट्रांसफर किए गए। जांच के दायरे में कथित तौर पर उनकी पत्नी के बैंक खाते भी हैं, जिनमें खामियां मिली हैं।
सरकार पर कितना भरोसा करें यस बैंक के ग्राहक?सरकार के आश्वासन के बावजूद यस बैंक के भविष्य को लेकर इस वक्त अटकलों का दौर जारी है। ग्राहकों को अपने पैसे की चिंता सता रही है, वहीं सरकार एसबीआई और एलआईसी के जरिए बैंक को फिर से पटरी पर लाने का भरोसा दिला रही है। नवभारत टाइम्स आपको बता रहा है कि आपको सरकार पर कितना भरोसा करना चाहिए, साथ ही बैंक में 5 लाख तक की रकम जमा करने वालों को ज्यादा चिंतित क्यों नहीं होना चाहिए।