खाद्य सचिव ने मंत्री के सामने डीएसओ को लगाई फटकार

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    फाइल फोटो

    जहां कार्रवाई में देरी हो रही वहां समझो मोलभाव हो रहा है-खाद्य सचिव

    जयपुर। निलंबित उचित मूल्य की दुकानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में लापरवाही बरतने को लेकर गुरुवार को खाद्य सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने सभी जिला रसद अधिकारियों को जोरदार फटकार लगाई।

    योजना भवन में हुई समीक्षा बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बाबूलाल वर्मा के सामने ही ठाकुर ने निलंबित राशन दुकानों के खिलाफ एफआईआर नहीं कराने और मामले को लटकाए रखने को लेकर डीएसओ पर मोलभाव करने का आरोप लगा दिया।

    ठाकुर ने कहा कि जहां कार्रवाई में देरी हो रही वहां समझो मोलभाव हो रहा है। बीच में कुछ डीएसओ ने सफाई देने की कोशिश की तो ठाकुर ने फिर लताड़ लगाते हुए कहा कि सुन लो खान खोलकर। सब डेढ़ होशियार बन रहे हो। बकवास करते हो।

    एक डीएसओ ने एफआईआर पर एफआर लगाने की बात कही तो ठाकुर ने कहा कि एफआर लगाने से पहले परिवादी को पूछा जाता है। मेरा ज्यादा मुंह मत खुलवाओ।

    प्राधिकार पत्र निरस्त करने का प्रावधान 
    उचित मूल्य दुकानदार के विरुद्ध अनियमितता पर कलेक्टर अथवा सरकार द्वारा प्राधिकृत अधिकारी ने राजस्थान खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक पदार्थ (वितरण का विनियमन) आदेश,1976 के खण्ड 8 9 के अन्तर्गत प्राधिकार पत्र निलम्बित/निरस्त करने का प्रावधान है।

    यदि बिना सुनवाई का अवसर दिए निलम्बित किया जाता है, तो उसकी अवधि 90 दिन से अधिक नहीं होती। डीएसओ निलंबित दुकानों के खिलाफ ना तो जांच करते हैं और ना ही एफआईआर कराते हैं। वे मामलो को 90 दिन से अधिक तक लटकाए रखते हैं। इस कारण वे बहाल हो जाती है।

     

    कोटा समेत 12 जिलों के डीएसओ को रोका 
    बूंदी, भरतपुर, भीलवाड़ा, सिरोही, बीकानेर, सीकर, डूंगरपुर, दौसा, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा और नागौर जिलों के डीएसओ को बैठक के बाद रोक लिया गया। इनकी निर्देश दिए गए कि जब तक मांगी गई पूरी सूचना नहीं देते जयपुर से नहीं जाओगे।