“अप्रत्याशित बाहरी मांग के कारण एशियाई क्षेत्र में विकास की संभावनाएं में सुधार हुआ है।”
नई दिल्ली । भारत के साल 2017 में 7.4 फीसद की अनुमानित वृद्धि दर हासिल करने की उम्मीद है। साथ ही यह अगले साल 7.6 फीसद हो सकती है।
ऐसा इसलिए क्योंकि क्योंकि एशिया और प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण एशिया ही वृद्धि का नेतृत्व कर रहा है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की सप्लीमेंट रिपोर्ट में गुरुवार को यह बात कही गई।
सप्लीमेंट ऑफ एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) आउटलुक 2017 में कहा गया, “’इस उपक्षेत्र की सबसे बडी अर्थव्यवस्था भारत के वर्ष 2017 में 7.4 फीसद और वर्ष 2018 में 7.6 फीसद की अनुमानित वृद्धि दर हासिल कर लेने की संभावना है और उसकी प्राथमिक वजह अच्छी खपत मांग होगी।”
एडीबी की इस रिपोर्ट के मुताबिक एशिया और प्रशांत क्षेत्र के सभी उपक्षेत्रों में दक्षिण एशिया सबसे तेजी से वृद्धि करेगा और इसकी वृद्धि दर 2017 में 7 फीसद और 2018 में 7.2 फीसद के मूल अनुमान को हासिल कर लेने की संभावना है।
उसने कहा है कि 2017 में विकासशील एशिया की वृद्धि संभावना में इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अनुमान से ज्यादा निर्यात होने के आधार पर सुधार किया गया है।
सस्ता कच्चा तेल और निर्यात की बढ़ती मांग
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और एशियाई निर्यात की बढ़ती मांग चीन और उसके आस पास की अर्थव्यवस्थाओं के लिए अच्छी खबर है। इस साल ये अर्थव्यवस्थाएं अनुमान से बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।
यह अनुमान एशियन डिवेलपमेंट बैंक ने लगाया है। चीन के आस-पास का क्षेत्र चीन के आस-पास का क्षेत्र इस साल 5.9 फीसद की ग्रोथ के साथ बढ़ना चाहिए और साल 2018 में इसकी ग्रोथ 5.8 फीसद रह सकती है। मनीला बेस्ड एक लेंडर ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।
बैंक ने इससे पहले अपने उस पूर्वानुमान को अपडेट किया जो उसने अप्रैल में लगाया था। उस वक्त उसने इस साल और अगले साल के लिए इस क्षेत्र के 5.7 फीसद की ग्रोथ के साथ बढ़ने का अनुमान लगाया था। एडीबी ने कहा, “अप्रत्याशित बाहरी मांग के कारण एशियाई क्षेत्र में विकास की संभावनाएं में सुधार हुआ है।”