नई दिल्ली। फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी (फिनटेक) के मामले में 2019 में भारत ने लंबी छलांग लगाई है और वह दुनिया में तीसरा सबसे बड़े फिनटेक सेंटर बन गया है। फिनटेक सेंटर के मामले में भारत ने चीन को पछाड़ दिया है और अब वह इस मामले में अमेरिका और ब्रिटेन से ही पीछे है। यह बात डाटा एनालिस्ट फर्म एक्सेंचर की एक स्टडी में कही गई है।
2019 में मिला 26 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश
एक्सेंचर की स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में भारत के फिनटेक सेंटर को मिलने वाला फंड दोगुना होकर 3.7 बिलियन डॉलर करीब 26 हजार करोड़ पर पहुंच गया है। 2018 में भारतीय फिनटेक को 1.9 बिलियन डॉलर करीब 13 हजार करोड़ रुपए का फंड मिला था। रिपोर्ट के अनुसार, 2018 के 193 के मुकाबले भारत में 2019 में 198 फंड सौदे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले साल सबसे ज्यादा 58 फीसदी फंड स्टार्टअप्स को मिला है। इसके बाद इंश्योरेंस टेक्नोलॉजी को 13.7 फीसदी फंट मिला है।
पेटीएम ने जुटाए 11 हजार करोड़
स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में वन97 कम्युनिकेशन के स्वामित्व वाले डिजिटल वॉलेट पेटीएम ने 1.66 बिलियन डॉलर करीब 11 हजार करोड़ रुपए जुटाए हैं। यह रुपए दो अलग-अलग समझौतों के जरिए जुटाए गए हैं। इसके अलावा फोन-पे ने 210 मिलियन डॉलर करीब 1500 करोड़, रोजर-पे ने करीब 500 करोड़, पॉलिसी बाजार ने करीब 2000 करोड़ और क्रेडिट कार्ड पेमेंट कंपनी क्रेड ने 850 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
पेमेंट कंपनियों में सबसे ज्यादा निवेश
2019 में पेमेंट कंपनियों में सबसे ज्यादा 2.1 बिलियन डॉलर करीब 15 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। 2018 में यह निवेश 660 मिलियन डॉलर करीब 4700 करोड़ रुपए था। वहीं इंश्योरेंस टेक्नोलॉजी में निवेश में 74 फीसदी की ग्रोथ रही है और इस सेक्टर में 510 मिलियन डॉलर यानी करीब 3600 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। एक्सेंचर इंडिया की एमडी सोनाली कुलकर्णी का कहना है कि भारत का फिनटेक इकोसिस्टम काफी आकर्षित है और फंडिंग के इस तरीके से प्रतीत होता है कि निवेशक इस इंडस्ट्री के भविष्य में ग्रोथ को लेकर काफी निश्चित हैं।
चीन में फिनटेक डील्स में कमी
2019 में फिनटेक डील्स के मामले में चीन में 92 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। चीन को पिछले साल 1.9 बिलियन डॉलर यानी करीब 13 हजार करोड़ रुपए का निवेश मिला है। 2019 में चीन में सबसे बड़ा फिनटेक निवेश 145 मिलियन डॉलर यानी करीब 1000 करोड़ रुपए का रहा है। यह निवेश इंश्योरेंस टेक्नोलॉजी कंपनी शियुआदी हुजू ने किया है।