जयपुर। बुधवार को राजस्थान विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। कोटा रामगंज मंडी से विधायक मदन दिलावर ने जेकेलोन में बच्चों की मौत से संबंधित सवाल किया था। जिसके मंत्री रघु शर्मा जवाब दे रहे थे। इस दौरान रघु शर्मा ने पिछले पांच साल के आंकड़े का भी जिक्र किया। जिस पर विपक्ष के विधायक खड़े होकर नारेबाजी करने लगा। इसके बाद प्रश्नकाल की महत्ता पर बात करते हुए अध्यक्ष सीपी जोशी को कहना पड़ा कि मैं सदन की इस कुर्सी पर बैठकर अपने आपको प्रताड़ित महसूस कर रहा हूं।
जेकेलोन पर रघु शर्मा ने कहा कि वहां 90 वार्ड तो जेकेलोन के अंदर हैं। वहीं 30 न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हैं। 5 एनआईसीयू, 5 पीआईसीयू में कुल 130 बेड हैं। इसमें राजस्थान सरकार द्वारा 120 बेड सेंक्शंड है। असल में जो रनिंग बेड हैं वो 174 की कैपेसिटी पर रन कर रहे हैं। जो चाहे वार्ड में हो, एनआईसीयू हो या पीआईसीयू में। साथ ही सैंक्शंड बेड 130 के हिसाब से नर्सिंग स्टाफ पर्याप्त मात्रा में है।
आगे रघु शर्मा ने कहा कि जहां तक एक्सपर्ट की टीम की रिपोर्ट की बात है। जो माननीय सदस्य (मदन दिलावर) कह रहे हैं। ऐसी कोई रिपोर्ट हमें नहीं मिली है। सदन को गुमराह करने की जरूरत नहीं है। बच्चों की मौत संवेदना का विषय है, हमारे लिए भी है, इनके लिए भी होना चाहिए।
रघु शर्मा ने कहा कि इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह हम पहले दिन से कह रहे हैं। यह आई.एम.आर की प्रॉब्लम है। जो पूरी देश की समस्या है। राजस्थान की भी समस्या है। अगर पांच साल के आकड़े निकाल कर देखें।जिसके बाद सदन हंगामें की भेंट चढ़ गया। भाजपा के सदस्यों ने नारेबाजी की। सदन में लगातार हंगामा होता रहा। हंगामे के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने पूर्व चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौड़ के बयान का पर्चा लहरा दिया।
रघु शर्मा ने कहा कि सवाल करते हो तो जवाब भी सुनो। जिसके बाद हंगामे के साथ प्रश्नकाल समाप्त हुआ।
प्रश्नकाल की महत्ता पर हुई चर्चा
प्रश्नकाल के बाद अध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रश्नकाल की महत्ता पर चर्चा की। इस दौरान नगरीय विकास मंत्री शांति धारिवाल ने कहा कि जो कागज यहां दिया गया, वह गलत था। लेकिन कागज को छीनकर यहां फेकना भी गलत था। जो अभी भी पड़ा हुआ है। उनको भी मेहरबानी करके प्रताड़ित कीजिए। इस पर अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मैं न तो आपको प्रताड़ित कर रहा हूं न इनको। मैं खुद प्रताड़ित हो रहा हूं। मैं आप दोनों को प्रताड़ित नहीं कर रहा हूं। मैं सदन की इस कुर्सी पर बैठकर अपने आपको प्रताड़ित महसूस कर रहा हूं। मैं आपसे आशा करता हूं। आप मेहरबानी करके चाहे पक्ष हो, चाहे विपक्ष हो, सदन की गरीमा बनाने का काम सबका है।