नई दिल्ली। भारतीय प्रेस परिषद ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मीडिया को लेकर दिए एक बयान पर मुख्य सचिव को नोटिस देकर जवाब मांगा है। परिषद की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने 16 दिसंबर को पत्रकार वार्ता में ‘विज्ञापन चाहते हो तो हमारी खबर दिखाओ’ बयान दिया था। इस पर परिषद ने स्वत: संज्ञान लिया।
परिषद का कहना है कि ऐसा बयान लोकतंत्र के मूल्यों को कम करने वाला है। साथ ही मीडिया की साख और आजादी को प्रभावित करता है। इसके चलते राजस्थान के मुख्य सचिव को नोटिस देकर जवाब मांगा है। परिषद ने स्पष्ट किया कि यह बयान सार्वजनिक मंच पर दिया गया है, जो प्रेस की स्वतंत्रता को कमजोर करता हैै।
इधर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ( ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री का बयान लोकतंत्र की हत्या है। प्रेस काउंसिल के नोटिस ने इसे स्पष्ट भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि मीडिया तो अपना धर्म निभाएगा ही, सरकार की सफलता-असफलता को उजागर कर मीडिया लोकतंत्र को मजबूत करने का काम करता है।
इसीलिए वह लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाता है। उन्होंने कहा कि प्रेस काउंसिल ने मुख्यमंत्री से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। अशोक गहलोत पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनसे प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने उनके बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है। इससे साफ है कि गहलोत सरकार से मीडिया की आजादी को खतरा है।