जयपुर। राजस्थान पुलिस की स्टेट क्राइम ब्रांच ने नकली दवा बनाने के गोरखधंधे का पर्दाफाश करते हुए एक मकान में चल रही फैक्ट्री को पकड़ा है। शहर के जवाहर नगर इलाके में एक रिहायशी मकान में चल रही इस फैक्ट्री में आयुर्वेदिक दवाओं की आड़ में महिलाओं व लीवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों की नकली एलोपैथिक दवाईयां बनाई जा रही थी। यह कार्रवाई एडीजी क्राइम बीएल सोनी के निर्देशन में गठित पुलिस टीम ने की।
एडीजी (क्राइम) बीएल सोनी ने बताया कि पुणे स्थित फार्मा कंपनी आर्चीज लाइफ साइंस के प्रोपराइटर जयवीर यादव ने स्टेट क्राइम ब्रांच के स्पेशल टीम प्रभारी पुलिस निरीक्षक जितेन्द्र गंगवानी को सूचना दी थी कि उनकी फार्मा कंपनी के नाम व लोगों से जवाहर नगर सेक्टर तीन में हाउसिंग बोर्ड के मकान में एस.राॅबर्ट फार्मा के ऑफिस में महिलाओं के मासिक धर्म तथा लीवर टाॅनिक के नकली सिरप निर्मित कर आमजन के स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलवाड़.किया जा रहा है। इस पर स्पेशल टीम को मौके पर भेजा।
एडीजी सोनी ने बताया कि जवाहर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाकर स्पेशल टीम स्थानीय पुलिस के साथ आरोपी नरेन्द्र सुखानी को लेकर म.नं. 3 ढ 7 पर गयी तो मकान में आयुर्वेदिक दवाईयां बनाने की आड़ में विभिन्न तरह की मशीनों से अवैध रुप से एलोपैथिक दवाईयां बनाना पता चला। रिकाॅर्ड देखने पर आरोपी द्वारा महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़ी एवं लीवर टाॅनिक के करीब 2000 सिरप आर्चीज लाइफ साइंस के नाम व लोगों से बनाकर आगरा स्थित एक फर्म को बेचना पाया गया।
कई धाराओं में मुकदमा दर्ज
मौके से बिल बुक एवं स्टाॅक रजिस्टर जब्त कर सेक्टर 4, जवाहर नगर जयपुर निवासी फैक्ट्री संचालक आरोपी नरेन्द्र कुमार सुखानी (65) तथा इसके पार्टनर आगरा निवासी रविन्द्र प्रताप सिंह से पूछताछ कर रही है। मामले में पुलिस ने ड्रग एवं काॅस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 33 ई(सी) तथा आईपीसी की धारा 419,420,464,468,120बी में प्रकरण पंजीबद्ध कर अनुसंधान शुरु कर दिया है।