रिफाइंड पाम तेल के आयात पर प्रतिबंध, आयात के लिये लेनी होगी अनुमति

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नयी दिल्ली। सरकार ने नीतिगत बदलाव के तहत बुधवार को विदेश से रिफाइंड पाम तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। सरकार के इस कदम से मलेशिया सहित विभिन्न देशों से रिफाइंड पाम तेल के आयात में कमी आ सकती है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की यहां जारी अधिसूचना के मुताबिक ‘‘रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड पाम तेल और रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड पामोलिन तेल के मामले में आयात नीति में संशोधन किया गया है।

इन तेलों के आयात को मुक्त श्रेणी से हटाकर प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है।’’ रिफाइंड पाम तेल के आयात को मुक्त आयात श्रेणी से हटाकर प्रतिबंधित श्रेणी में रखने का मतलब यह हुआ कि इन तेलों के आयात के लिये अब आयातकों को सरकार से अनुमति लेनी होगी अथवा इसके लिये लाइसेंस लेना होगा। भारत दुनिया में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक देश है। देश में हर साल डेढ़ करोड़ टन तक खाद्य तेलों का आयात किया जाता है। इस आयात में सबसे ज्यादा मात्रा पाम तेल की होती है।

इंडोनेशिया और मलेशिया से सबसे ज्यादा 90 लाख टन पाम तेल का आयात किया जाता है। जबकि शेष 60 लाख टन सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात किया जाता है। घरेलू खाद्य तेल उद्योग ने सरकार के इस फैसले को सही ठहराया है। उद्योग का कहना है कि इससे उनकी रिफाइंड क्षमता का इस्तेमाल बढ़ेगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

सूत्रों के अनुसार देश में होने वाले खाद्य तेल आयात में 30 प्रतिशत पाम तेल का आयात मलेशिया से, जबकि 70 प्रतिशत का आयात इंडोनेशिया से होता है। सूत्रों का कहना है, ‘‘हमारी तेल रिफाइनरियां इंडोनेशिया से कच्चे पाम तेल का आयात कर सकती हैं। इंडोनेशिया में मलेशिया से कहीं अधिक पाम तेल का उत्पादन होता है।’’ सूत्रों के अनुसार इंडोनेशिया से तेल आयात में किसी तरह का अतिरिक्त खर्च नहीं पड़ेगा क्योंकि दाम और उत्पाद समान हैं।