जयपुर। ट्राई ने टीवी चैनलों की कीमतों को व्यावहारिक बनाने के लिए तीन नए नियम लागू किए हैं। अब बुके में शामिल किसी भी चैनल की एमआरपी, उसकी औसत कीमत का तीन गुना ही हो सकेंगी। नए नियमों से जहां लोकप्रिय चैनलों की एमआरपी कम होने की संभावना है। साथ ही इन चैनलों की एमआरपी बुके की तुलना में ज्यादा महंगी नहीं होंगी।
इसके अलावा लोकप्रिय चैनल के साथ किसी बुके में दूसरे चैनलों की संख्या पहले की अपेक्षा कमी आएगी होगी। बुके में ज्यादा चैनल शामिल करने पर कंपनियों को लोकप्रिय चैनल की एमआरपी कम करनी पड़ेगी। अकेले जयपुर में चार से पांच लाख उपभोक्ता हैं।
चैनल कैसे चुनने हैं ये तय करें
- बुके में उसी चैनल को शामिल किया जा सकता है, जिसकी एमआरपी ~12 से ज्यादा ना हो। वर्तमान में स्टार प्लस, सोनी सब, एंड टीवी जैसे लोकप्रिय चैनलों की कीमत ~14 से ज्यादा है।
- बुके में शामिल चैनलों की अलग-अलग एमआरपी का जोड़, बुके की कीमत का डेढ़ गुना से ज्यादा नहीं होगा। उदाहरण के लिए किसी बुके में 10 चैनल है। जिसकी कीमत 100 रुपए है। ऐसी स्थिति में चैनलों की अलग-अलग एमआरपी जोड़ने पर उसकी कुल कीमत 150 रुपए से ज्यादा नहीं होगी।
- किसी चैनल की एमआरपी बुके में उस चैनल की औसत कीमत का तीन गुने से ज्यादा नहीं होगी। उदाहरण के लिए 10 चैनल वाले बुके की कीमत 35 रुपए है। ऐसे में प्रत्येक चैनल की औसत कीमत साढ़े तीन रुपए हुई। इस बुके में शामिल किसी भी चैनल की अलग से एमआरपी 10.5 रुपए से ज्यादा नहीं होगी।
ज्ञातव्य है क़ि सर्विस प्रोवाइडरों ने बुके बनाकर लोकप्रिय चैनलों की कीमत को भ्रामक बना दिया था। बुके में एक-दो लोकप्रिय चैनलों के साथ बहुत सारे दूसरे चैनल जोड़ कुल कीमत पर डिस्काउंट दे रहे हैं। उपभोक्ता को सस्ते के लिए बुके ले रहे हैं। इसमें वो चैनल शामिल हैं, जो वो देखता ही नहीं है।