नई आयात नीतियों के बाद मटर का आयात असंभव

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मुकेश भाटिया, कमोडिटी एक्सपर्ट
कोटा। सरकार ने मटर की नई आने वाली फसल की संभावनाओं को देखते हुए किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मुहैया कराने को निश्चित करने के लिए आयातित मटर की मात्रा पर अंकुश लगाने के लिए मटर के आयात पर 200 रुपए प्रति किलो के न्यूनतम आयात मूल्य पर ही आयात की अनुमति दी है।

गौरतलब रहे कि आयातित मात्रा पर 50 फीसदी आयात शुल्क अलग से जमा कराना पड़ेगा। सरकार की इस घोषणा के बाद मटर उत्पादक और खपत मंडियों में मटर की कीमतों में 15/20 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है और कीमतें बढ़कर 55/58 रुपए प्रति किलो के आसपास सुनी जा रही है।

गौरतलब रहे कि सरकार ने मटर के आयात पर अंकुश लगाने के लिए पूर्व में हीं उस पर एक सीजन में डेढ़ लाख टन के प्रतिबंधित मात्रा के साथ आयात की अनुमति दे रखी थी, लेकिन कुछ आयातकों द्वारा हाईकोर्ट से स्टे लेकर उसकी आढ़ में पूरे साल 5 लाख टन से अधिक मात्रा की मटर का आयात किये जाने के बाद सरकार की निगाहों में ये चुभने लगा।

हालांकि सरकार ने चालू वर्ष के अप्रैल माह के दौरान मटर के आयात पर 50 फीसदी के आयात शुल्क की घोषणा भी की थी, लेकिन इसके बावजूद इतनी बड़ी मात्रा में मटर का आयात संभव हो गया। अब सरकार द्वारा घोषित नये आयात नीतियों के तहत बड़े पैमाने पर मटर का आयात संभव नहीं है। ऐसे में आने वाले समय में रबी सीजन की दलहन की नई फसलों की आमदनी मंडियों में प्रारम्भ होने से पूर्व कीमतों में तेजी का सपोर्ट देखने मिल सकता है।