इंदौर। उड़द के भाव में आई तेजी के सहारे दलहन के भाव में बने सुधार के बाद सरकार इसके आयात बढ़ाने और अपने पास जमा बफर स्टॉक को राज्यों से बेचने की कोशिश में जुट गई है।
खरीफ फसलों पर मौसम की मार के असर से दलहन बाजार में आए सुधार ने सरकार को परेशान किया है। प्याज के बाद आलू के भाव में भी बढ़ोतरी ने सरकार को तत्काल दलहन बाजार में कीमतों के नियंत्रण के लिए बाध्य किया है।
सरकार बेहतर मूल्य दिलवाने की कोशिश के तहत अपने स्टॉक को रोके हुए थी लेकिन बाजार में कीमतें बढ़ने के साथ मंहगाई की मार बढ़ने से फिलहाल उसके पास आयात बढ़ाने और अपने बफर स्टॉक को बेचने के अतिरिक्त कोई हल नजर नहीं आ रहा है।
सरकार की भाव को नियंत्रण में रखने की सभी कोशिशों खरीफ की फसलों में आई खराबी के साथ ही बेकार होती चली गई। प्याज में रिकॉर्ड भाव की स्थिति के बाद अब आलू के भाव भी ऊंचे बने होना और खाद्य तेलों में तिलहन की कम पैदावार के साथ मंहगे आयात ने भाव को अनियंत्रित कर दिया है। ऐसे में सरकार के पास दलहन आयात बढ़ाने के साथ ही अपने बफर स्टॉक को बेचने के आलावा कोई विकल्प नहीं है।