संसद के शीतकालीन सत्र में 15 बिल पास, सवालों के जवाब में राज्यसभा ने बनाया रिकॉर्ड

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नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त हुआ। 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चले सत्र में कुल 15 बिल पास हुए। इनमें 11 ऐसे थे, जो इसी सत्र में दोनों सदनों से पास हुए। अन्य चार बिल वे हैं जो संसद के एक सदन से इसी सत्र में पास हुए। लेकिन दूसरे सदन से वे मानसून सत्र में ही पास हो चुके थे। इस सत्र में लोकसभा से 14 और राज्यसभा से 15 विधेयक पास हुए। लोकसभा में हर बिल पर औसतन 4 तो राज्यसभा में औसत 3.4 घंटे बहस हुई।

लोकसभा की कार्य क्षमता 116% रही
17वीं लोकसभा का यह दूसरा सत्र था। इसमें दोनों सदनों में 20-20 बैठकें हुईं। राज्यसभा में 108 घंटे 33 मिनट काम हुआ। हंगामे के चलते यहां 11 घंटे 47 मिनट बर्बाद हुए। वहीं, निचले सदन में 130 घंटे 45 मिनट काम हुआ। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि इस सत्र में लोकसभा की कार्य क्षमता 116% और राज्यसभा की 99% रही।

दोनों सदनों में सबसे लंबी बहस वायु प्रदूषण के मुद्दे पर हुई। इस पर 8 घंटे चर्चा हुई। फसलों के नुकसान पर भी 7.5 घंटे चर्चा हुई। तीसरे नम्बर पर अर्थव्यवस्था का मुद्दा रहा। इस पर राज्यसभा में 5 घंटे बहस चली।

सवालों के जवाब देने में राज्यसभा ने रिकॉर्ड बनाया
लोकसभा में प्रश्नकाल का कुल समय 16.7 घंटे रहा। राज्यसभा में यह 14.4 घंटे रहा। लोकसभा में मंत्रियों ने 140 सवालों के जवाब दिए जबकि राज्यसभा में यह आंकड़ा 170 रहा। ऊपरी सदन में सवालों के जवाब देने के मामले में नया रिकॉर्ड बना। सदन में हर दिन औसतन 9.5 सवालों के जवाब दिए गए, जो अब तक हुए 250 सत्रों में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 2003 के 108वें राज्यसभा सत्र में हर दिन 8.7 सवालों के जवाब दिए गए थे। लोकसभा में हर दिन 7.36 सवालों के जवाब दिए गए।

नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर संसद में 16 घंटे चर्चा हुई
शीत सत्र में नागरिकता संशोधन बिल पर सबसे ज्यादा देर तक बहस हुई। लोकसभा में 9 दिसंबर को पेश हुए इस बिल पर 7 घंटे 28 मिनट चर्चा हुई। इसमें 48 सदस्यों ने भाग लिया था। 11 दिसंबर को यह राज्यसभा में पेश हुआ। यहां भी 8 घंटे 22 मिनट तक इसके पक्ष और विपक्ष में तर्क पेश किए गए। ऊपरी सदन में 43 सदस्यों ने इसमें भाग लिया। चिट फंड (संशोधन) विधेयक 2019, टैक्स लॉ (संशोधन) विधेयक-2019 और ई-सिगरेट पर रोक के लिए लाए गए बिलों पर भी संसद में 8-8 घंटे से ज्यादा बहस हुई।