न्याय बदले में तब्दील हो जाए, तो अपना मूल चरित्र खो देता है: चीफ जस्टिस बोबडे

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जोधपुर। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने शनिवार को जोधपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि न्याय कभी बदला लेने में तब्दील नहीं होना चाहिए। अगर यह बदले में तब्दील हो जाए, तो न्याय अपना चरित्र खो देता है। सीजेआई ने यह बात हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के चारों आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर के संदर्भ में कही।

वे जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट के नए भवन के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। इसी बीच, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की न्याय प्रणाली पर चिंता जताई। उन्होंने कहा- न्याय प्रक्रिया गरीब की पहुंच से दूर हो गई है।

सीजेआई बोबडे ने कहा, “देश में हाल ही के दिनों में हुई घटनाओं ने पुरानी बहस को नए सिरे से तेज कर दिया है। इसमें कोई शक नहीं है कि आपराधिक न्याय प्रणाली को अपने लचरपन और फैसले में लगने वाले समय को लेकर अपना नजरिया बदलना चाहिए। लेकिन, मुझे नहीं लगता कि कभी भी तुरंत न्याय किया जाना चाहिए या न्याय को बदले के रूप तब्दील होना चाहिए।”

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, “क्या आज कोई गरीब या असहाय व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर यहां पहुंच सकता है? यह सवाल सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि संविधान की प्रस्तावना में हमने सभी को न्याय देने की जिम्मेदारी स्वीकार की है।” राष्ट्रपति ने कहा, “अगर हम गांधीजी के मापदंड का ध्यान रखें और सबसे गरीब और कमजोर आदमी के बारे में सोचें, तो हमें सही रास्ता दिखाई देगा।”

शुक्रवार सुबह तेलंगाना में एनकाउंटर हुआ
तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के चारों आरोपी शुक्रवार सुबह शादनगर के पास एनकाउंटर में मारे गए। तेलंगाना में 27 नवंबर को अस्पताल से घर लौट रही वेटरनरी डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इसके बाद डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी। बाद में दुष्कर्मियों ने शव को जला दिया था।