कोटा। ज्यादातर नई मांओं के मन में जिस एक बात को लेकर सबसे ज्यादा चिंता रहती है, वो ये है कि क्या अपने बच्चे के लिए उनकी ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई सफिशंट होगी? क्या उन्हें ऊपर का दूध यानी फॉर्मुला मिल्क बच्चे को देना चाहिए? क्या सिर्फ मेरे दूध से बच्चे का पेट भर जाएगा? एक्सट्रा..एक्सट्रा…एक्सट्रा… अगर आप भी एक न्यू मॉम हैं और आपके मन में ब्रेस्ट मिल्क प्रॉडक्शन को लेकर इस तरह के सवाल हैं तो यहां जानिए न्यूट्रीशियन डॉ. अनीता खंडेलवाल से –
बच्चे के जन्म से लेकर शुरुआती 6 महीने तक उसे सिर्फ ब्रेस्टफीडिंग करवाना बेहद जरूरी है। मां के दूध में मौजूद पोषक तत्व नवजात शिशु की सेहत के लिए बेहद जरूरी होते हैं और ये बच्चे को सभी तरह के इंफेक्शन और जानलेवा बीमारियों से बचाते हैं। लेकिन कई बार मांएं इस समस्या का सामना करती हैं कि उनके ब्रेस्ट से सही मात्रा में दूध का उत्पादन नहीं होता और ऐसा लगता है कि मानो बच्चे का पेट नहीं भरा और वह भूखा है। ऐसे में इन 4 नैचरल तरीकों को अपनाकर आप भी बढ़ा सकती हैं ब्रेस्ट मिल्क का प्रॉडक्शन…
Latching का रखें ध्यान
latch का अर्थ है ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चा किस तरह से मां के ब्रेस्ट को अपने मुंह से जकड़ता है और फिर दूध खींचता है। अगर बच्चे की लैचिंग प्रक्रिया अच्छी है तो ब्रेस्ट मिल्क का फ्लो बढ़ता है और बच्चे की मां को निप्पल में किसी तरह की असहजता भी महसूस नहीं होती। ऐसे में बेहद जरूरी है कि बच्चे की लैचिंग की प्रक्रिया सही हो, तभी बच्चा पूरी तरह से और पेट भरकर दूध पिएगा।
बच्चे को बार-बार ब्रेस्टफीड करवाएं
याद रखें कि आपका शरीर डिमांग और सप्लाई के फंक्शन पर काम करता है। इसका मतलब है कि अगर आपका बच्चा बार-बार ब्रेस्टफीड होगा तो शरीर को इस बात के संकेत मिलेंगे कि उन्हें बच्चे की जरूरत के हिसाब से ज्यादा ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई करनी है। औसतन एक न्यूबॉर्न बेबी को दिन भर में हर 2 से 3 घंटे में ब्रेस्टफीड करवाना चाहिए।
मां का हाइड्रेटेड रहना जरूरी
बच्चे को दूध पिलाने वाली मां को इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि वह दिनभर में कितना पानी या लिक्विड डायट का सेवन करती है। अगर आपको लग रहा है कि आप बच्चे की जरूरत के हिसाब से ब्रेस्टमिल्क का उत्पादन नहीं कर पा रही हैं तो अपना वॉटर इनटेक बढ़ाएं। दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं।
दोनों ब्रेस्ट से बच्चे को पिलाएं दूध
भले ही बच्चे को दूध पिलाने की आपकी कोई फेवरिट पोजिशन हो लेकिन बच्चे को दोनों ब्रेस्ट से दूध पिलाना बेहद जरूरी है। ऐसा करने से भी ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन बढ़ता है। अगर पहले ब्रेस्ट से दूध खींचते वक्त बच्चा स्लो हो जाए तो उसी दौरान उसे दूसरे ब्रेस्ट से दूध पिलाएं।