नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार बैंकों में इंश्योर्ड राशि की सीमा बढ़ाने जा रही है। इस संबंध में संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार कानून में बदलाव कर सकती है। फिलहाल के नियम के मुताबिक बैंक में जमा सिर्फ एक लाख रुपए की गारंटी सरकार लेती है। मतलब किसी बैंक में एक लाख रुपए से अधिक की राशि जमा है और बैंक डूब जाता है या बंद हो जाता है तो सिर्फ एक लाख रुपए ही आपको सरकार वापस करेगी। लेकिन अब सरकार इस सीमा को बढ़ाने जा रही है।
को-ऑपरेटिव बैंक आएंगे बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के दायरे में
सीतारमण ने कहा कि सरकार इस बात को लेकर भी काफी गंभीर है कि पंजाब महाराष्ट्र कोपरेटिव (पीएमसी) जैसा दूसरा कोई घोटाला नहीं हो। इस पर रोक के लिए सरकार कोपरेटिव बैंकों को बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट की परिधि में लाने की तैयारी कर रही है। जल्द ही कैबिनेट में नोट लाया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर कानून में बदलाव भी किए जाएंगे।
पीएमसी बैंक में जमाकर्ताओं के पैसे वापस मिलने के संबंध में वित्त मंत्री ने बताया कि वह गंभीरता से इस दिशा में प्रयास कर रही है।
आरबीआई गवर्नर के साथ लगातार बातचीत हो रही है। इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि प्रमोटर्स की जब्त संपत्तियों की नीलामी करके जमाकर्ताओं के पैसे वापस किए जाए। उन्होंने बताया कि जमाकर्ताओं को राहत देने के लिए कई दृष्टिकोण से विचार चल रहा है। कई मामले कोर्ट में भी चले गए हैं, उन सबको देखते हुए समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। पीएमसी बैंक के खाताधारक फिलहाल अधिकतम 50,000 रुपए निकाल सकते हैं। बैंकों से लेनदेन पर रोक है।
कारपोरेट टैक्स में कटौती का दिखने लगा असर
सीतारमण ने बताया कि हाल ही में कारपोरेट टैक्स में कटौती का असर दिखने लगा है। कई कंपनियों ने निवेश को लेकर अपनी दिलचस्पी दिखाई है तो कुछ अपना मन बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि रियल एस्टेट में फंसी परियोजनाओं से मकान खरीदार को उबारने के लिए की गई घोषणा के बाद तीन शहर की चार परियोजनाएं इसका लाभ लेने के लिए आगे आई है। ये परियोजनाएं मुंबई, बंगलुरु और हैदराबाद की है।