नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने छह करोड़ अंशधारकों के खाते में इंट्रेस्ट की रकम डालनी शुरू कर दी है। इसी बीच उसने अकाउंट होल्डर्स को चेतावनी भी दी है। ईपीएफओ ने कहा है कि फ्रॉड करने वाले लोग ईपीएफओ का कर्मचारी बनकर पर्सनल डीटेल जैसे आधार नंबर, पैन नंबर या यूएएन नंबर, पासवर्ड या ओटीपी मांगकर ईपीएफ अकाउंट से पैसे उड़ा सकते हैं। संगठन ने किसी से भी फोन या ई-मेल के जरिये निजी जानकारियां साझा नहीं करने के प्रति आगाह किया है।
फर्जी कॉल से रहें सावधान
ईपीएफओ ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘ईपीएफओ आपको किसी से भी पर्सनल डीटेल्स जैसे आधार, पैन कार्ड, यूएएन या बैंक डीटेल फोन पर साझा नहीं करने के लिए कहता है। ईपीएफओ किसी सदस्य या अंशधारक को किसी बैंक में पैसे जमा करने के लिए नहीं कहता है। कृपया इस तरह के फर्जी कॉल से सावधान रहें।’
फोन पर पर्सनल डीटेल न करें साझा
प्रविडेंट फंड निकाय ने यह भी कहा है कि वह ईपीएफ अकाउंट होल्डर्स से बैंक में जमा पैसों के विवरण की जानकारी साझा करने के लिए नहीं कहता है। ईपीएफओ ने कहा, ‘फोन पर अपने पर्सनल डीटेल को कभी साझा नहीं करें।’
ईपीएफओ की तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था
अंशधारकों के पर्सनल डेटा के लीकेज तथा फ्रॉड को रोकने को लेकर क्लेम सेटलमेंट स्टेटस को चेक करने के लिए यूएएन आधारित इन्क्वायरी सिस्टम को केवल ईपीएफओ की वेबसाइट पर मेंबर पासबुक ऐप्लिकेशन के जरिये ही पहुंचा जा सकता है, जिसमें आपको अपने यूजर आईडी और पासबुक से लॉगइन करना पड़ता है, तब जाकर क्लेम सेटलमेंट की स्थिति का पता चलता है। यूएएन को आधार कार्ड से भी लिंक कर दिया गया है।