रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1.15 अरब डॉलर का सोना बेचा

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मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लगभग तीन दशक में पहली बार अपने रिजर्व से सोना बेचा है। वह जालान कमिटी की सिफारिशें स्वीकार करने के बाद इस साल अगस्त से गोल्ड ट्रेडिंग में ऐक्टिव हो गया है। कमिटी की सिफारिशों के मुताबिक आरबीआई तय सीमा से ऊपर का लाभ सरकार के साथ शेयर कर सकता है।

आरबीआई ने कुल $1.15 अरब का सोना बेचा है। रिजर्व बैंक के वीकली स्टैटिस्टिकल सप्लिमेंट में मौजूद डेटा के ऐनालिसिस से पता चला है कि इसने अपने बिजनस ईयर की शुरुआत वाले महीने यानी जुलाई से $5.1 अरब का सोना खरीदा है और लगभग $1.15 अरब का सोना बेचा है।

RBI के पास अगस्त के अंत तक 1.987 करोड़ औंस सोना था। वहीं, 11 अक्टूबर को फॉरेक्स रिजर्व में $26.7 अरब के बराबर सोना था। सबसे बड़ी बात यह है कि रिजर्व बैंक ने जबसे जालान कमिटी की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है, तब से यह सक्रियता से सोने की ट्रेडिंग करने लगा है।

समिति की सिफारिशों में कहा गया है कि RBI को सोने में होने वाला वैल्यूएशन गेन नहीं बल्कि उसकी ट्रेडिंग से हासिल होने वाला प्रॉफिट सरकार के साथ शेयर करना होगा। समिति का गठन पिछले साल सरकार का रेवेन्यू डेफिसिट पूरा करने के लिए उसके साथ रिजर्व बैंक की सरप्लस इनकम शेयर करने की बात पर मचे बवाल के बाद किया गया था।

रिजर्व बैंक के डेटा में महीने के अंतिम हफ्ते की वैल्यू को फैक्टर नहीं किया गया है। RBI की 2018-19 की ऐनुअल रिपोर्ट के मुताबिक गोल्ड का रीवैल्यूएशन हर महीने के अंतिम कारोबारी दिन होता है। यह महीने के लिए लंदन बुलियन मार्केट असोसिएशन की तरफ से तय किए गए प्राइस के 90% के हिसाब से होता है।

इसलिए फॉरेक्स रिजर्व में सोने की वैल्यू सिर्फ महीने के अंतिम हफ्ते में बदलती है। मार्केट के ऐनालिस्टों के मुताबिक फॉरेक्स रिजर्व में सोने के स्टॉक का रिवैल्यूएशन महीने में एक बार किया जाता है। बीच के हफ्तों में सोने की वैल्यू में होने वाला बदलाव उसमें हुए सोने की खरीद फरोख्त के चलते हो सकता है।

आरबीआई के कुछ फॉर्मर ऑफिसर्स ने रिजर्व बैंक की तरफ से गोल्ड की वैल्यू की रिपोर्टिंग के फॉर्मैट में बदलाव किए जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया। हालांकि RBI के आधिकारिक प्रवक्ता को भेजी गई ईमेल का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिला था। रिजर्व बैंक अपने खजाने में रखे सोने के वॉल्यूम की डिटेल बार बार नहीं देता है।

सेफ्टी के लिहाज से दुनियाभर के सेंट्रल बैंक (भारत के RBI जैसे) अपने फॉरेन एक्सचेंज का कुछ हिस्सा डायवर्सिफिकेशन के लिए सोने के तौर पर रखते हैं। रिजर्व बैंक नवंबर 2017 से सोने की छिटपुट खरीदारी करता आ रहा है और तब से अब तक यह लगभग 20 लाख औंस सोना खरीद चुका है।