कोटा की पहली महिला अखाड़ा संचालक सीता देवी नहीं रही, शोक में डूबा शहर

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कोटा। शहर में पहला महिला अखाड़ा संचालित करने वाली महिला पहलवान सीता देवी सुमन अब नहीं रही। रविवार को बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं में सक्रिय सीता देवी, सामाजिक सरोकारों में आगे रहा करती थीं। कोटा दशहरा मेला 2019 में भी उनकी 25 शिष्याएं राम बारात में घोडे पर सवार होकर हाथ में तलवार लिए साफा बांधे शामिल हुई थी, जो आकर्षण का केन्द्र रहा। सीता देवी सुमन के निधन से कोटा के कई संगठनों ने शोक व्यक्त किया है।

जिला कुश्ती संघ व जूडो संघ के उपाध्यक्ष सुरेंद्र पाराशर ने बताया कि दुर्गा शक्ति महिला अखाड़ा केशवपुरा की संचालक सीता देवी सुमन के आकस्मिक निधन पर कुश्ती संघ जिला कार्यालय गुमानपुरा पर संघ के इंद्र कुमार दत्ता की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। दत्ता ने बताया कि सीता देवी ने युवावस्था में तीन बार कुश्ती व जुडो में हाड़ी रानी का अवार्ड प्राप्त किया। वह बहुत अच्छी पहलवान थी।

उपाध्यक्ष सुरेन्द्र पाराशर ने बताया कि गीता देवी को लकड़ी व तलवारबाजी में महारत हासिल थी। अनंत चतुर्दशी शोभायात्रा में वह महिला अखाडे का संचालन करती थी। इस समय कोटा में उनकी सैकड़ों शिष्याएं अखाडे से जुड़ी हैं। पाराशर ने बताया कि छात्र जीवन में ही उन्होंने कुश्ती व जूडो में कई अवार्ड प्राप्त किए।

श्रद्धांजलि सभा में 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर जूडो संघ के सचिव रवि गुप्ता, उस्ताद बालकृष्ण बरथूनिया, नाथूलाल पहलवान, अमर सिंह, सुखदेव सिंह, सियाराम नागर, घनश्याम, सोनल, देवानंद, भानु प्रताप, किशन उस्ताद, भोजराज, उमेश सहित कई लोग उपस्थित रहे।