जयपुर/कोटा। नगर निकाय प्रमुख के चुनाव काे लेकर दाे दिन पहले अपने ही फैसले में बदलाव कर चुकी कांग्रेस सरकार ने अब इन चुनावाें काे लेकर एक और बड़ा निर्णय लिया है। अब पार्षद के चुनाव में हिस्सा लिए बिना अथवा यह चुनाव हारा हुआ प्रत्याशी भी मेयर, सभापति या पालिकाध्यक्ष चुना जा सकेगा।
निकाय चुनाव में सीधे पैराशूटर प्रत्याशी उतारने के इस हाईब्रिड माॅडल काे लागू करने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य बन गया है। यह बिल्कुल वैसा ही हाेगा, जैसे विधायक या सांसद का चुनाव लड़े बिना ही या जीते बिना ही मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री चुन लिए जाते हैं। इनकाे 6 माह में विधानसभा या लाेकसभा चुनाव जीतकर आना हाेता है। हालांकि, मेयर, सभापति या पालिकाध्यक्ष बनने के लिए कितने समय बाद चुनाव लड़कर जीतना हाेगा, यह अभी तय हाेना बाकी है। लेकिन निकाय प्रमुखाें का चुनाव काेई भी लड़ सकेगा।
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की मंजूरी के बाद राज्य सरकार ने बुधवार काे राजस्थान नगरपालिका (निर्वाचन) नियम, 1994 में संशोधन करते हुए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया। 15 अक्टूबर काे ही सरकार ने निकाय प्रमुख चुनाव की प्रणाली बदली थी अाैर इनका चुनाव जनता की बजाय पार्षदाें से कराने का फैसला किया था।
वर्तमान व्यवस्था के तहत किसी वार्ड से चुनाव जीतकर आने वाले पार्षदों में से ही सर्वसहमति से पार्टी की तरफ से तय कैंडिडेट को ही महापौर, सभापति या पालिकाध्यक्ष चुना जाता है। महापौर-सभापति का चुनाव निर्वाचित सदस्यों-पार्षदों की पहली बैठक में ही किया जाएगा। इसमें अध्यक्ष-सभापति-महापौर के निर्वाचन के लिए दावेदारी जताने वाला भी भाग ले सकेगा, लेकिन अगर जीता हुआ नहीं है ताे मतदान नहीं कर सकेगा।
निकाय प्रमुख पद के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल से काेई प्रत्याशी है ताे उसे नामांकन की अंतिम तिथि के दिन दाेपहर तीन बजे तक पार्टी का अधिकृत प्रपत्र प्रस्तुत करना होगा। अभ्यर्थी को अपने नामांकन पत्र पर किसी निर्वाचित सदस्य-पार्षद के हस्ताक्षर प्रस्तावक (प्रपोजर) के रूप में करवाना अनिवार्य होगा। चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को निर्धारित अमानत राशि भी जमा करानी होगी। निकाय प्रमुख के चुनाव के लिए नामांकन भरने के लिए दो दिन, नामांकन की जांच के लिए एक दिन और उम्मीदवारी वापस लेने के लिए एक दिन का समय निर्धारित किया गया है।
अधिसूचना जारी
राज्य मंत्रिमण्डल की 14 अक्टूबर की बैठक में लिए गए निर्णय की पालना में नगरपालिका संस्थाओं में अध्यक्ष, सभापति एवं महापौर के पदों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष प्रणाली से करवाने के लिए राजस्थान नगरपालिका (निर्वाचन) नियम, 1994 में संशोधन कर दिया गया है। इसकी अधिसूचना बुधवार को स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी कर दी गई है।
–शान्ति धारीवाल, स्वायत्त शासन मंत्री