नई दिल्ली।केंद्र सरकार देश में मंदी की खबरों को लगातार नकारती रही है। लेकिन आरबीआई के आंकड़े सरकार से अलग कहानी बयां कर रहे हैं। आरबीआई के आंकड़ों के हिसाब से भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी के लक्षण दिख रहे हैं। भारत के मौजूदा वित्तीय वर्ष के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 6 माह में कॉमर्शियल सेक्टर में फंड फ्लो काफी धीमा रहा है। वित्तीय लेनदेन में करीब 88 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2019-20 के अप्रैल से सितंबर माह तक बैंकिंग और नॉन बैंकिंग सेक्टर से कॉमर्शियल सेक्टर में फंड फ्लो 90,995 करोड़ रुपए था, जबकि पिछले साल इसी दौरान फंड फ्लो 7,36,087 करोड़ रुपए था।
कॉमर्शियल सेक्टर में खेती, मैन्युफैक्चरिंग और परिवहन को नहीं शामिल है। पिछले साल अप्रैल से मध्य सितंबर के दौरान नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) का कॉमर्शियल सेक्टर को फंड फ्लो 41,200 करोड़ रुपए था। लेकिन इस साल कॉमर्शियल सेक्टर से एनबीएफसी को फंड फ्लो रिवर्स 1.26 लाख करोड़ रुपए रहा।
आरबीआई ने घटाया विकास दर अनुमान
बैंकों से कॉमर्शियल सेक्टर में होने वाला नॉन फूड क्रेडिट फ्लो 1.65 लाख करोड़ रुपए से घटकर 93 हजार करोड़ रुपए हो गया। लेकिन गैर बैंकिंग स्रोत से फंडिंग में 9 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है और यह आंकड़ा 58,326 करोड़ पर पहुंच गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछली कुछ तिमाही से गिरावट दर्ज की गई है।
अप्रैल-जून की तिमाही में आर्थिक विकास दर 5 फीसदी से नीचे चली गई थी, जो कि पिछले 6 साल का सबसे खराब परफॉर्मेंस था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी का अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है।