नई दिल्ली। चालू फसल वर्ष 2019-20 में खरीफ फसलों का उत्पादन घटकर 14.057 करोड़ टन रहने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़े के मुताबिक चावल और दलहन फसलों के उत्पादन में कमी से समग्र फसलों के उत्पादन में गिरावट रह सकती है। 2018-19 फसल सत्र में खरीफ फसलों का उत्पादन 14.171 करोड़ टन रहा था। फसल सत्र जुलाई में शुरू होता है और जून में समाप्त होता है।
खरीफ (गृष्म) फसलों की बोआई लगभग पूरी हो चुकी है। इन फसलों की कटाई अक्टूबर से शुरू होगी। खाद्यान्नों में चावल, दाल और मोटे अनाजों को शामिल किया जाता है। सरकार एक सत्र में चार बार अनुमान जारी करती है। ये अनुमान उत्पादन और कटाई के अलग-अलग चरणों में जारी किए जाते हैं।
मोटे अनाजों का बढ़ सकता है उत्पादन
पहले अनुमान के मुताबिक चालू खरीफ सत्र में चावल उत्पादन 10.035 करोड़ टन रहेगा। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 10.213 करोड़ टन का था। दालों का उत्पादन 82.3 लाख टन रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 85.9 लाख टन था। ताजा अनुमान के मुताबिक खरीफ सत्र में मोटे अनाजों का उत्पादन हालांकि बढ़कर 3.2 करोड़ टन रहेगा, जो एक साल पहले 3.099 करोड़ टन था।
नकदी फसलों के उत्पादन पर असर नहीं
नकदी फसलों में कपास उत्पादन 3.227 करोड़ गांठ रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले 3.226 करोड़ गांठ था। कपास की एक गांठ 170 किलोग्राम का होती है। जूट उत्पादन99.6 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जो सालभर पहले 99.5 लाख गांठ था। जूट की एक गांठ 180 किलोग्राम की होती है। चीन उत्पादन 37.77 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के उत्पादन के समान है।
बाढ़ ने फसलों का पहुंचाया नुकसान
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की थी। मानसून हालांकि देर से आया, लेकिन बाद में बारिश की मात्रा में बढ़ोतरी हुई। लेकिन भारी बारिश के कारण कर्नाटक, केरल, गुजरात, बिहार, असम और महाराष्ट्र में बाढ़ आ जाने से फसलों का नुकसान पहुंचा है।