नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कंपनियों को ऐसा सरप्राइज दिया कि शेयर बाजार झूम उठा और वहां समय से पहले ही दिवाली आ गई। जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले वित्त मंत्री ने सुस्त इकॉनमी को रफ्तार देने के लिए आज फिर बड़े ऐलान किए। उन्होंने घरेलू कंपनियों और नई घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दरों में कटौती का प्रस्ताव रखा।
इसके तुरंत बाद बाजार में लिवाली तेज हो गई और बीएसई का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स में 1700 पॉइंट्स से ज्यादा तक की उछाल देखने को मिली। बैंकिंग और ऑटो शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिल रही है। अशोक लेलैंड, आयशर मोटर्स जैसी कंपनियों के शेयरों में 10 प्रतिशत से ज्यादा उछाल आया है। एचडीएफसी बैंक और आरबीएल बैंक के शेयरों में भी 8 से 9 प्रतिशत का उछाल देखने को मिल रहा है। निफ्टी ने भी बहुत दिनों बाद 11 हजार के स्तर के पार गया है।
ग्रोथ को प्रमोट करने के लिए वित्त मंत्री ने नई घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर को घटाकर 22% कर दिया है, बशर्ते कॉर्पोरेट्स ने किसी तरह का इन्सेंटिव या छूट न ली हो। वित्त मंत्री के ऐलानों से शेयर बाजार खिलखिला उठा है। बाजार में दिवाली जैसी रौनक है और लगभग सभी प्रमुख सेक्टरों में उछाल दिख रही है।
कॉर्पोरेट टैक्स घटाने का ऐलान
ग्रोथ और निवेश को बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स ऐक्ट में बदलाव मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2019-20 से होगा लागू। घरेलू कंपनियों पर बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 प्रतिशत होगा और सरचार्ज और सेस जोड़कर प्रभावी दर 25.17 फीसदी हो जाएगी। पहले यह दर 30 प्रतिशत थी। वित्त मंत्री ने बताया कि कॉर्पोरेट टैक्स घटाए जाने और अन्य रियायतों से सरकार के खजाने पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
मेक इन इंडिया को बूस्ट
मेक इन इंडिया को बूस्ट देने के लिए उन्होंने इनकम टैक्स ऐक्ट में एक क्लॉज जोड़ा। वित्त वर्ष 2019-20 में 1 अक्टूबर से बाद में गठित घरेलू कंपनी जो मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करेगी, उसेके पास 15 पर्सेंट की दर से आयकर देने का विकल्प होगा। यानी 1 अक्टूबर 2019 को या उसके बाद भारत में गठित किसी भी कंपनी पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा। अगर वे 31 मार्च 2023 से पहले उत्पादन शुरू कर देती हैं तो 15 प्रतिशत टैक्स लगेगा। सभी तरह के सरचार्ज और सेस समेत 17.10 प्रतिशत प्रभावी दर होगी।
शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के लिए क्या खास
कंपनियों के लिए एक और सौगात का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 5 जुलाई 2019 से पहले शेयरों के बायबैक का ऐलान करने वाली कंपनियों पर सुपर रिच टैक्स नहीं लगेगा।
कैपिटल गेन्स पर असर
कैपिटल मार्केट में फंड का प्रवाह बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई में बजट में बढ़ाया गया सरचार्ज कंपनी में शेयरों की बिक्री और इक्विटी फंड यूनिट बिक्री से होने वाले कैपिटल गेन्स पर प्रभावी नहीं होगा। इसमें FPIs के डेरिवेटिव्स भी शामिल हैं।
MAT में राहत
इन्सेंटिव और छूट ले रहीं कंपनियों को राहत देने के लिए भी वित्त मंत्री ने कुछ ऐलान किए। उन्हों ने कहा कि ऐसी कंपनियों को मिनिमम ऑल्टरनेट टैक्स(MAT) रिलीफ दिया जा रहा है। MAT को 18.5% की दर से घटाकर 15% कर दिया गया है।