कोटा। नियमों की जटिलता से सरकारी योजनाओं का उद्यमियों को पूरी तरह फायदा नहीं मिलता है। यह विचार MSME विकास संस्थान जयपुर एवं दी एसएसआई. एसोसिएशन की ओर से गोबरिया बावड़ी स्थित पुरुषार्थ भवन में शुक्रवार को आयोजित औद्योगिक अभिप्रेरणा शिविर में उद्यमियों ने व्यक्त किये।
इस मौके पर दी एस.एस.आई एसोसिएशन के फाउन्डर प्रसिडेन्ट गोविन्द राम मित्तल ने एमएसएमई से अधिक से अधिक संख्या में लघु उद्योगों को जोड़ने के लिए सदस्यता शुल्क को न्यूनतम रखने की सलाह दी। एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलदीप सिंह ने सुझाव देते हुए कहा कि वर्तमान में सरकार की ओर से उद्योगों से संबंधित चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ उद्यमियों को आसानी से प्राप्त हो। ऐसी सरल योजनाएं बनाई जानी चाहिए। वर्तमान में योजनाओं की कठिन खानापूर्ति के कारण उद्यमियों को फायदा नहीं मिल पा रहा है।
इससे पूर्व औद्योगिक अभिप्रेरणा शिविर में MSME के प्रबन्धक अजय शर्मा ने एम.एस.एम.ई की विभिन्न योजनाएं जैसे कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट, सब्सिडी, मार्केटिंग एवं कम ब्याज पर विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने की जानकारी दी। NSIC के प्रबन्धक विपिन गुप्ता ने भी उद्योगों के संवर्धन के लिए विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। ई-पिक संस्थान दिल्ली से आये जी.पी. मल्होत्रा ने उद्योगों को फायदा पहुंचाने वाले एक्पोर्ट उद्योग, कस्टम में छूट, ब्याज दर में छूट के नियमों की जानकारी दी। SBI MSME के लोन प्रबन्धक चौधरी ने उद्योगों को उत्प्रेरित करने के लिए विभिन्न लोन सम्बन्धित जानकारी दी।
शिविर में एसोसिऐशन के पूर्व अध्यक्ष विपिन सूद, प्रमोद पालीवाल, वाईस प्रेसिडेंट अमित सिंघल, के.पी. सिंह, मनीष बंसल एवं कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी आदि उपस्थित थे। शिविर में उपस्थित सभी उद्यमियों को उनके उद्योग से सम्बन्धित सभी औद्योगिक अभिप्रेरणा से सम्बन्धित विचार एवं सुझावों का आदान-प्रदान किया गया तथा उनको शिविर में ही समाधान करने का प्रयास किया गया।