बारिश से नष्ट हुई फसलों का मिले मुआवजा: भाकिसं

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दीगोद/कोटा। भारतीय किसान संघ दीगोद तहसील की ओर से मंगलवार को विभिन्न मार्गों से रैली निकालकर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा संभागीय आयुक्त के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को अतिशीघ्र मुआवजा देने समेत विभिन्न मांग की गई।

भारतीय किसान संघ के संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने बताया कि भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने बालिका सैकण्डरी स्कूल से रैली का प्रारंभ करते हुए डाक बंगला, बस स्टैण्ड, तहसील कार्यालय, मुख्य बाजार होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।

इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं। कार्यकर्ता ‘‘जय जवान जय किसान… कौन बनाता हिन्दुस्तान, भारत का मजदूर किसान….नहीं किसी से भीख मांगते, हम अपना अधिकार मांगते…. देश के हम भंडार भरेंगे, लेकिन कीमत पूरी लेंगे…’’ जैसे नारों के साथ ही भगवान बलराम और भारत माता के जयकारों से आसमान गुंजा दिया। सभा को प्रान्त महामंत्री जगदीश शर्मा, जिलाध्यक्ष गिरीराज चौधरी , दीगोद तहसील अध्यक्ष कजोड़लाल मीणा, सुल्तानपुर तहसील अध्यक्ष अखिलेश दाधीच ने भी संबोधित किया।

भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम को दिए ज्ञापन में अतिवृष्टि से नुकसान का सर्वे कराने के साथ ही बीमा कंपनी से बीमा दिलाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने जलभराव से सोयाबीन, उड़द, तिल्ली, धान की फसल नष्ट होने की बात की। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने नुकसान का प्राकृतिक आपदा प्रबंधन समिति से किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग की।

किसानों ने पूर्व की भांति सहकारी ऋण उपलब्ध कराने, घरेलु और विद्युत बिल छह माह में दिए जाने, पुरानी जमाबंदी से सेग्रीगेशन दुरुस्त किए जाने, किसानों की सम्पूर्ण उपज की खरीद किए जाने, बटांईदार, पांतीदार, सहखातेदार से सहमति पत्र के आधार पर खरीद की छूट दिए जाने की मांग की।

नवनिर्धरित डीएलसी दर का छह गुना हो मुआवजा
केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा कि भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत दिल्ली बडोदरा एक्सप्रेस वे के लिए अधिगृहीत की जा रही भूमि का मुआवजा वर्तमान नवनिर्धारित डीएलसी दर की छह गुना कीमत के आधार पर तय किया जाना चाहिए। व्यावसायिक कार्य के लिए अधिगृहीत भूमि का मुआवजा भी व्यावसायिक दर से ही निर्धारित होना चाहिए। वहीं जिन किसानों की सम्पूर्ण भूमि को ही अधिगृहीत कर लिया जा रहा है, उस परिवार के भरण पोषण के लिए एक व्यक्ति को नौकरी दी जानी चाहिए।