नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने आयकर विभाग के शीर्ष अधिकारियों को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने मौजूदा वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में उम्मीद से कम आयकर वसूली को संतोषजनक नहीं बताया है।
उन्होंने कहा कि आयकर वसूली 15% बढ़कर कुल 1.42 लाख करोड़ रुपये हो गई है जो कि 2017-18 के लिए तय डायरेक्ट टैक्स के 9.80 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य का मात्र 14.5 प्रतिशत ही है।
उन्होंने 6 जुलाई को लिखी अपनी चिट्ठी में लिखा, ‘जून 2017 तक कुल टैक्स कलेक्शन की स्थिति का बोर्ड ने रिव्यू किया है और उसने पाया कि विभिन्न मानदंडों में राजस्व संग्रह की वृद्धि संतोषजनक नहीं है। प्रत्यक्ष कर की सकल वृद्धि केवल 8.4 प्रतिशत रही।
कम रिफंड के कारण कुल वसूली में करीब 15 फीसदी की वृद्धि दिख रही है।’मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 55,520 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया जो कि बीते वित्त वर्ष (2016-17) की इसी अवधि से 5.2% कम है।
टैक्स कलेक्शन की रफ्तार धीमी पड़ने को लेकर चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, ‘आप यह बात मानेंगे कि कंप्यूटर एडेड स्कूटनी सिलेक्शन सिस्टम (CASS) द्वारा न सिलेक्ट न किए गए रिफंड भी जब जारी होने लगेंगे, तो टैक्स के नेट कलेक्शन की रफ्तार भी धीमी पड़ सकती है।’
उन्होंने अपने सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को निर्देश जारी किया है जिसमें उनसे कहा गया है, ‘राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए सभी उपाय करें ताकि सितंबर तिमाही की समाप्ति तक स्थिति वांछित वृद्धि के अनुरूप हो जाए।’