नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का आज निधन हो गया। जेटली ने अपने वित्त मंत्रालय के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था के तेज विकास और कर सुधारों की दिशा में कई अहम फैसले किए थे। इनमें वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू कराना सबसे बड़ा फैसला था।
विभिन्न वस्तुओं पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कर की दर के कारण लंबे समय से एक देश-एक कर की मांग उठ रही थी। 2014 में केंद्र में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनने के बाद पहली बार वित्त मंत्री बने अरुण जेटली ने इस मांग को पूरा करने का बीड़ा उठाया।
लंबी जद्दोजहद के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार बिल सेंट्रल जीएसटी, इंटीग्रेटेड जीएसटी, यूनियन टेरिटरी जीएसटी और कॉम्पेंसेशन जीएसटी बिल तैयार किए। सही रणनीति के दम पर पहले राज्यसभा और फिर लोकसभा में इन चारों बिलों को पास कराया गया।
इसके बाद वस्तुओं पर करों की दरें तय करने की जिम्मेदारी जीएसटी काउंसिल को दी गई। अंतत 30 जून 2017 की आधी रात को संसद भवन में भव्य समारोह का आयोजन कर देश को जीएसटी का तोहफा दिया गया। देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधार में शुमार जीएसटी 1 जुलाई 2017 को जम्मू कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू हो गया।
इन पदों पर रहे जेटली
- 1999 में पहली बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार बनने पर 13 अक्टूबर 1999 को सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने। इस दौरान वह विनिवेश मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी बनाए गए।
- 23 जुलाई 2000 को कानून, न्याय और कंपनी मामलों के कैबिनेट मंत्री का अतिरिक्त प्रभार मिला।
- नवंबर 2000 में अरुण जेटली को कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया और एक साथ कानून, न्याय और कंपनी मामलों और जहाजरानी मंत्री बनाया गया।
- 26 मई 2014 से 14 मई 2018 तक केंद्र सरकार में वित्त और कॉरपोरेट मंत्रालयों के मंत्री रहे।
- इसके बाद 23 अगस्त 2018 से 30 मई 2019 तक वित्त और कॉरपोरेट मंत्रालयों के मंत्री रहे।
- 16 मई 2014 से 9 नवंबर 2014 तक रक्षा मंत्री रहे। इसके बाद 13 मार्च 2017 से 3 सितंबर 2017 तक भी रक्षा मंत्रालय का पदभार संभाला।
- पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में 9 नवंबर 2014 से 5 जुलाई 2016 तक सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी रहे।
- 2009 से 2014 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता का पद भी संभाला।