नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का आज दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। उन्होंने 12 बजकर 7 मिनट पर अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे और दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में उनका उपचार चल रहा था। वह 66 वर्ष के थे। उनके वित्त मंत्री के कार्यकाल में कई ऐसे आर्थिक फैसले लिए गए, जिनके लिए वे हमेशा याद रखे जाएंगे।
जानिए अरुण जेटली का सियासी सफर
- अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर, 1952 को दिल्ली में हुआ था।
- अरुण जेटली के पिता का नाम महाराज किशन जेटली और मां का नाम रतन प्रभा जेटली है।
- अरुण जेटली की पत्नी का नाम संगीता जेटली है। उनके बेटे का नाम रोहन जेटली और बेटी का नाम सोनाली जेटली है।
- अरुण जेटली ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही एलएलबी की डिग्री हासिल की।
- अरुण जेटली 70 के दशक की शुरूआत में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हुए थे। साल 1974 में वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष चुने गए।
- इमरजेंसी के दौरान अरुण जेटली को भी हिरासत में लिया गया था। इस दौरान उन्हें अंबाला जेल और फिर तिहाड़ जेल में रखा गया था।
- 1977 में जेटली लोकतांत्रिक युवा मोर्चा के संयोजक बनाए गए। जिसके बाद उन्हें दिल्ली एबीवीपी का अध्यक्ष बनाया गया। इस दौरान वह एबीवीपी की भारत इकाई में सचिव पद पर भी रहे। जेटली की राजनीति में सक्रियता को देखते हुए उन्हें बीजेपी की युवा इकाई का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
- वकालत पूरी करने के बाद अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट और देश की कई हाईकोर्ट्स में प्रैक्टिस भी की थी। 1989 में उन्हें एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था।
- अरुण जेटली साल 1990 में दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील बने। 1998 में वह यूएन जनरल असेंबली भेजे गए भारतीय शिष्टमंडल में शामिल थे।
- 13 अक्टूबर, 1999 को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद जेटली विनिवेश नीति के लिए बनाए गए नए मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए।
- अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में अतिरिक्त प्रभार के तौर पर उनको कानून मंत्रालय भी सौंपा गया। बाद में उन्हें इसी मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
- 3 जून, 2009 को राज्यसभा में उन्हें विपक्ष का नेता चुना गया। वर्तमान में अरुण जेटली उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं।
- 26 मई, 2014 को नरेंद्र मोदी सरकार में उन्होंने बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ ली थी। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वह देश के वित्त मंत्री रहे। कुछ समय के लिए उन्हें रक्षा मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया।
- अरुण जेटली के वित्त मंत्री रहते हुए ही मोदी सरकार ने नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया था। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने देश में जीएसटी लागू किया।
- अरुण जेटली आज तक लोकसभा चुनाव नहीं जीते हैं। 2019 आम चुनाव में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था।
- अरुण जेटली को क्रिकेट बहुत पसंद है। वह बीसीसीआई के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। जेटली को राजनीति के साथ-साथ लिखना भी बहुत पसंद है। वह वकालत से संबंधित कई किताबें लिख चुके हैं।
- कांग्रेस के दिवंगत नेता माधवराव सिंधिया, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से लेकर जनता दल के शरद यादव तक, उनके क्लाइंट (वकालत के पेशे में) रह चुके हैं।
- अरुण जेटली को भारतीय जनता पार्टी का संकटमोचक भी कहा जाता है। पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने से लेकर सरकार के अहम फैसलों तक, जेटली की अहम भूमिका रहती है। जेटली के इतने लंबे सियासी सफर में पार्टी के लिए उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता है। यही वजह है कि शुक्रवार रात उनके AIIMS में भर्ती होने की जानकारी मिलते ही पीएम मोदी स्वयं अस्पताल पहुंच गए थे। – अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर, 1952 को दिल्ली में हुआ था। अरुण जेटली के पिता का नाम महाराज किशन जेटली और मां का नाम रतन प्रभा जेटली है।
- अरुण जेटली की पत्नी का नाम संगीता जेटली है। उनके बेटे का नाम रोहन जेटली और बेटी का नाम सोनाली जेटली है।
- अरुण जेटली ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही एलएलबी की डिग्री हासिल की।
- अरुण जेटली 70 के दशक की शुरूआत में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हुए थे। साल 1974 में वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष चुने गए।
- इमरजेंसी के दौरान अरुण जेटली को भी हिरासत में लिया गया था। इस दौरान उन्हें अंबाला जेल और फिर तिहाड़ जेल में रखा गया था।
- 1977 में जेटली लोकतांत्रिक युवा मोर्चा के संयोजक बनाए गए। जिसके बाद उन्हें दिल्ली एबीवीपी का अध्यक्ष बनाया गया। इस दौरान वह एबीवीपी की भारत इकाई में सचिव पद पर भी रहे। जेटली की राजनीति में सक्रियता को देखते हुए उन्हें बीजेपी की युवा इकाई का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
- वकालत पूरी करने के बाद अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट और देश की कई हाईकोर्ट्स में प्रैक्टिस भी की थी। 1989 में उन्हें एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था।
- अरुण जेटली साल 1990 में दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील बने। 1998 में वह यूएन जनरल असेंबली भेजे गए भारतीय शिष्टमंडल में शामिल थे।
- 13 अक्टूबर, 1999 को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद जेटली विनिवेश नीति के लिए बनाए गए नए मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए।
- अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में अतिरिक्त प्रभार के तौर पर उनको कानून मंत्रालय भी सौंपा गया। बाद में उन्हें इसी मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
- 3 जून, 2009 को राज्यसभा में उन्हें विपक्ष का नेता चुना गया। वर्तमान में अरुण जेटली उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं।
- 26 मई, 2014 को नरेंद्र मोदी सरकार में उन्होंने बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ ली थी। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वह देश के वित्त मंत्री रहे। कुछ समय के लिए उन्हें रक्षा मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया।
- अरुण जेटली के वित्त मंत्री रहते हुए ही मोदी सरकार ने नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया था। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने देश में जीएसटी लागू किया।
- अरुण जेटली आज तक लोकसभा चुनाव नहीं जीते हैं। 2019 आम चुनाव में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था।
- अरुण जेटली को क्रिकेट बहुत पसंद है। वह बीसीसीआई के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। जेटली को राजनीति के साथ-साथ लिखना भी बहुत पसंद है। वह वकालत से संबंधित कई किताबें लिख चुके हैं।
- कांग्रेस के दिवंगत नेता माधवराव सिंधिया, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से लेकर जनता दल के शरद यादव तक, उनके क्लाइंट (वकालत के पेशे में) रह चुके हैं।
- अरुण जेटली को भारतीय जनता पार्टी का संकटमोचक भी कहा जाता है। पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने से लेकर सरकार के अहम फैसलों तक, जेटली की अहम भूमिका रहती है।
गृह मंत्री ने रद्द किया हैदराबाद दौरा
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन की खबर आने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपना हैदराबाद दौरा रद्द कर दिया है और वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। गृह मंत्री हैदराबाद में आईपीएस प्रोबेशनर्स अधिकारियों की पासिंग आउट परेड में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।
राजनाथ सिंह, कपिल सिब्बल और सुरेश प्रभु ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के निधन पर सभी दलों के नेता श्रद्धांजलि दे रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जेटली के निधन पर दुख जताया है।