नई दिल्ली। ऑटो सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से ऑटो सेक्टर को राहत दी गई है। उन्होंने साफ किया कि 31 मार्च 2020 तक बीएस-4 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन होगा। 31 मार्च, 2020 तक रजिस्टर्ड होने वाली बीएस-4 गाडि़यां अपने पूरे कार्यकाल के लिए मान्य होगी।
अभी बाजार में इस बात को लेकर असमंजस था कि बीएस-4 गाड़ियों को कहीं सरकार बीएस-6 आने के बाद अवैध न घोषित कर दे। इस वजह से ग्राहक बीएस-4 गाड़ियों की बिक्री प्रभावित हो रही थी।ऑटो सेक्टर की तरफ से लगातार इस बात की मांग आ रही थी कि सरकार इस मामले में अपना रुख साफ करे। सीतारमण के इस बयान से उन सभी अटकलों पर विराम लग गया, जिसमें दावा किया जा रहा था कि 31 मार्च 2020 के बाद सभी बीएस4 वाहन अवैध हो जाएंगे।
फिलहाल नहीं बढ़ेगी वाहन रजिस्ट्रेशन फीस
सीतारमण ने गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने के प्रस्ताव को जून 2020 तक के लिए टाल दिया है। बता दें कि इससे पहले सरकार ने बीते 24 जुलाई 2019 को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन फीस 10 से 20 गुना बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी कामकाज में इस्तेमाल होने वाली पुरानी गाड़ियों को रिप्लेस किया जाएगा। सरकार ने सरकारी विभाग पर नई गाड़ियों की खरीद पर लगाई रोक को हटा दिया है। और साथ ही मार्च 2020 तक अधिग्रहित किए गए सभी वाहनों की कीमत पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त मूल्यह्रास बढ़ा दिया गया है, जो अब बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया इससे ऑटो मार्केट में डिमांड बढ़ाई जा सकेगी।
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के संबंध में ऐलान किया कि इंफ्रास्ट्रक्चर समेत बैटरी के एक्सपोर्ट क्षमता को बढ़ाने की दिशा में काम किया जाएगा। सरकार ने कहा कि स्क्रैपऐज पॉलिसी को लेकर किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।
वाहन रजिस्ट्रेशन बढ़ाने का था प्रस्ताव
सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक दोपहिया गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फीस 50 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक बढ़ाने का प्रस्ताव था। वहीं तिपहिया गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फीस 300 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक बढ़ाने और हल्की गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फीस 1000 रुपए से लेकर 10,000 रुपए करने प्रावधान था। इसके अलावा हेवी व्हीकल्स की 1500 रुपए से लेकर 20,000 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ सकती है।