नई दिल्ली। देश में सोने का आयात चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 35.5 फीसद बढ़कर 11.45 अरब डॉलर (करीब 80,000 करोड़ रुपए) पर पहुंच गया। एक साल पहले की समान तिमाही में 8.45 अरब डॉलर (करीब 59,000 करोड़ रुपए) के सोने का आयात हुआ था। सोने का आयात बढ़ने से देश के चालू खाता घाटा में बढ़ोतरी होती है।
कारोबारी साल 2018-19 में देश का चालू खाता घाटा (सीएडी) 57.2 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.1 फीसदी था। इससे एक साल पहले यानी 2017-18 में सीएडी 48.7 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.7 फीसदी था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक सोने का आयात बढ़ने से देश के व्यापार घाटा में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
अप्रैल-जून 2019 तिमाही में व्यापार घाटा 45.96 अरब डॉलर था, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 44.94 अरब डॉलर था। इस साल जनवरी के बाद से सोने के आयात में दहाई अंकों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
इस बीच सिर्फ फरवरी में सोने का आयात करीब 11 फीसदी घटा था। भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है। देश में हर साल 800-900 टन सोने का आयात होता है। सोने की खपत मुख्यत: आभूषण उद्योग में होती है।
स्वर्ण आयात पर बढ़ाया शुल्क
व्यापार घाटा और चालू खाता घाटा पर स्वर्ण आयात के नकारात्मक असर को खत्म करने के लिए सरकार ने इस साल के बजट में सोने पर आयात शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसद कर दिया है। उद्योग का हालांकि मानना है कि शुल्क बढ़ने से इस उद्योग के कारोबारी अपने मैन्यूफैक्चरिंग को आसपास के देशों में शिफ्ट कर सकते हैं।
जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने आयात शुल्क बढ़ने पर चिंता जताई है। जेम्स एंड ज्वेलरी निर्यात 2018-19 में 5.32 फीसदी घटकर 30.96 अरब डॉलर पर आ गई। मूल्य के लिहाज से पिछले कारोबारी साल में सोने का आयात करीब तीन फीसदी घटकर 32.8 अरब डॉलर रह गया था।