नयी दिल्ली। शेयर बाजारों की चाल इस सप्ताह वृहत आर्थिक आंकड़े के साथ-साथ सरकार के आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा कर मुद्दों के समाधान के लिये उठाये जाने वाले कदमों पर निर्भर करेगी। इस सप्ताह अवकाश के कारण कारोबारी दिवस कम होंगे। शेयर बाजार सोमवार को बकरीद और 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बंद रहेंगे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आने वाले समय में निवेशकों की आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के कर मुद्दों के समाधान के लिये सरकार की तरफ से उठाये जाने पर कदमों पर नजर होगी।’’ मंगलवार को बाजार पर औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े का असर देखने को मिल सकता है।
यह आंकड़ा शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी किया गया था। मुख्य रूप से खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर जून महीने में 2 प्रतिशत रही जो चार महीने का न्यूनतम स्तर है।
एक्सिस सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरूण ठुकराल ने कहा, ‘‘हालांकि निवेशकों की धारणा से शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव बनी रहेगी लेकिन इस बात पर नजर होगी कि सरकार मांग में नरमी से निपटने के लिये क्या कदम उठाएगी।
मांग में कमी चक्रीय नरमी का संकेत देती है। सरकार के आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये किये गये उपायों का असर होता है, तो अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सकती है…।’’ पिछले सपताह सेंसेक्स में 463.69 अंक यानी 1.24 प्रतिशत की तेजी आयी।
सरकार के एफपीआई पर कर बोझ कम करने तथा नरम पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये कदम उठाये जाने से बाजार में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को तेजी आयी। पिछले दो सत्रों में 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 891.41 अंक मजबूत हुआ। विशेषज्ञों के अनुसार बाजार धारणा पर रुपया, तेल के भाव तथा विदेशी निवेशकों की निवेश प्रवृत्ति का भी असर होगा।