नई दिल्ली। रेगुलर बचत खातों में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने के नाम पर देश के 22 शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंकों ने अपने ग्राहकों पर बीते तीन साल में 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना वसूला है। इन बैंकों में पब्लिक सेक्टर के एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी जैसे 18 और प्राइवेट सेक्टर के ICICI, HDFC जैसे 4 बैंक शामिल हैं।
रेगुलर सेविंग बैंक अकाउंट धारक को हर महीने अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना पड़ता है। एसबीआई के ग्राहकों को मेट्रो और अर्बन एरिया में 3 हजार, सेमी अर्बन एरिया में 2 हजार और रूरल एरिया में 1 हजार रुपए का बैलेंस मेंटेन करना पड़ता है।
एचडीएफसी बैंक के ग्राहकों को मेट्रो और अर्बन एरिया में 10 हजार, सेमी अर्बन में 5 हजार और रूरल एरिया में तिमाही आधार पर 2500 रुपए का बैलेंस मेंटेन करना पड़ता है। इसी प्रकार से आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहकों को मेट्रो और अर्बन में 10 हजार, सेमी अर्बन एरिया में 5 हजार, रूरल एरिया में 2 हजार और ग्रामीण एरिया में 1 हजार रुपए का मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना पड़ता है।
इतना चार्ज वसूलते हैं बैंक
रेगुलर सेविंग बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं रखने पर एसबीआई 5 से 15 रुपए तक (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज वसूलता है। एचडीएफसी बैंक मेट्रो/अर्बन और सेमी अर्बन एरिया में 150 से 600 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) और रूरल एरिया में 270 से 450 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) तक का चार्ज वसूलता है। आईसीआईसीआई बैंक मेट्रो/अर्बन/सेमी अर्बन/रूरल एरिया के लिए 100 रुपए और मिनिमम एवरेज बैलेंस में गिरावट का 5 फीसदी चार्ज वसूलता है। ग्रामीण एरिया के लिए यह चार्ज मिनिमम एवरेज बैलेंस में गिरावट का पांच फीसदी होता है।
बीएसबीडी में बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की गाइडलाइंस के अनुसार, बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट (बीएसबीडी) अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत नहीं होती है। साथ ही प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए खातों पर भी यह बाध्यता लागू नहीं होती है। मार्च 2019 तक देश में 57.3 करोड़ बीएसबीडी खाते थे जिसमें 35.27 करोड़ जन धन खाते शामिल हैं।