नई दिल्ली। खुदरा (रिटेल) महंगाई दर जून में बढ़कर 3.18% दर्ज हुई है। यह पिछले 8 महीने में सबसे ज्यादा है। इससे पहले अक्टूबर 2018 में 3.38% थी। फरवरी से इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। मई में यह दर 3.05% रही थी। खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़ने की वजह से जून में खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक जून में खाद्य महंगाई दर 2.17% रही। मई में यह 1.83% थी। प्रोटीन युक्त खाद्य वस्तुओं जैसे दालें, अंडा और मांस-मछली की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। जून में ईंधन और बिजली की महंगाई दर 2.32% जबकि सब्जियों की 4.66% रही। फलों की महंगाई दर मई के मुकाबले जून में 4.18% कम हुई है।
श्रेणी | मई में महंगाई दर | जून में महंगाई दर |
खाद्य | 1.83% | 2.17% |
मांस-मछली | 8.12% | 9.01% |
दाल | 2.13% | 5.68% |
अनाज | 1.21% | 1.31% |
खुदरा महंगाई अभी भी आरबीआई के लक्ष्य से कम
लगातार 5वें महीने बढ़ोतरी के बावजूद खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक के 4% के लक्ष्य से कम बनी हुई है। मौद्रिक नीति की समीक्षा करते वक्त आरबीआई खुदरा महंगाई दर को ही ध्यान में रखता है। इसके लक्ष्य के आस-पास रहने से ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बनी रहती है।
औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार मई में घटकर 3.1% रह गई
सरकार ने शुक्रवार को मई महीने के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़े भी जारी किए। मई में आईआईपी ग्रोथ घटकर 3.1% रह गई। अप्रैल में 3.4% और पिछले साल मई में 3.8% रही थी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सुस्ती का आईआईपी ग्रोथ पर असर पड़ा। यह सेक्टर जून में 2.5% की रफ्तार से बढ़ा। मई में ग्रोथ 3.6% रही थी। आईआईपी की दर से देश में उद्योग सेक्टर की गतिविधियों का पता चलता है।