शेयर बाजार में घबराहट, बिकवाली से निवेशकों को 5 लाख करोड़ का नुक्सान

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मुंबई। शुक्रवार को बजट पेश होने के बाद से शेयर बाजार में जारी गिरावट के कारण शेयरों में निवेश करने वालों की संपत्ति में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लग चुकी है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैपिटलाइजेशन या मार्केट कैप) सोमवार को 11:40 बजे तक घटकर 148.43 लाख करोड़ रुपये हो गया जो शुक्रवार को कारोबार शुरू होने तक 153.58 लाख करोड़ रुपये था।

बीएसई के 31 शेयरों का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को 1 प्रतिशत टूटा और फिर सोमवार को इसमें 870.9 अंकों की गिरावट आ गई और 2:24 बजे तक यह दिन के निम्नतम स्तर 38,605.48 अंक पर आ गया।

इडबी कैपिटल मार्केट्स के रिसर्च हेड ए के प्रभाकर ने कहा, ‘बजट में कुछ था नहीं और मार्केट को उससे कुछ फर्क नहीं पड़ा, लेकिन जब कुछ बदलावों के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआईज) के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स बढ़ गया तो मार्केट को यह रास नहीं आया। बायबैक टैक्स और कुछ वर्षों के बाद पब्लिक शेयरहोल्डिंग्स बढ़ाने की योजना ने भी निवेशकों का मूड खराब कर दिया।’

सालाना करोड़ों में कमाने वाले अति धनाढ्य वर्ग पर इनकम टैक्स सरचार्ज बढ़ाने के बजट प्रस्ताव से 2 हजार विदेशी फंड्स प्रभावित हुए हैं। सोमवार को कारोबारी अवधि के पूर्वार्ध में सेंसेक्स के बड़े शेयरों में शामिल एचडीएफसी बैंक, लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी), आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, बजाज फाइनैंस, कोटक महिंद्रा बैंक और ऐक्सिस बैंक में मिलाजुला कर 400 अंकों की गिरावट आ गई।

बिकवाली की ऐसी बयार चली कि हीरो मोटोकॉर्प, पीएनबी, इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन और दिलीप बिल्डकॉन जैसी कंपनियों के शेयरों के भाव में वर्ष की सबसे बड़ी गिरावट आ गई। वहीं, बजाज फाइनैंस और बैंक ऑफ इंडिया को वर्ष की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट का मुंह देखना पड़ा। सैमको सिक्यॉरिटीज के रिसर्च हेड उमेश मेहता ने कहा, ‘देश की सुस्त पड़ी आर्थिक वृद्धि को दोबारा गति देने के उपाय बजट में नहीं किए गए। इसी ने मुख्य रूप से बाजार को झटका दिया।’