फर्जी एक्सपोर्ट दिखा IGST क्लेम के नाम पर सरकार को 1 हजार करोड़ की चपत

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नई दिल्ली।सरकार ने गुरुवार को कहा कि उसने अभी तक 5,106 ‘रिस्की एक्सपोर्टर्स’ की पहचान की है, जिसने फर्जी इनवॉयस के आधार पर जीएसटी (GST) रिफंड क्लेम किए थे। अब ऐसे एक्सपोर्टर्स को रिफंड जारी करने से पहले उनके क्लेम की मैनुअली जांच की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, एक्सपोर्टर्स द्वारा इंटिग्रेटेड जीएसटी (IGST) रिफंड के फर्जी क्लेम्स का आंकड़ा 1,000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकता है।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने एक बयान में ईमानदार एक्सपोर्टर्स को भरोसा दिलाया कि उनके रिफंड क्लेम्स की प्रोसेसिंग ऑटोमैटिकली की जाएगी और समय से रिफंड जारी किए जाएंगे।

5106 रिस्की एक्सपोर्टर्स की हुई पहचान
सीबीआईसी ने सोमवार को कस्टम्स और जीएसटी अधिकारियों को कुछ एक्सपोर्टर्स के इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के सत्यापन के निर्देश दिए थे, जिन्हें पहले से निर्धारित जोखिम के मानकों के आधार पर ‘रिस्की’ माना जाता है। सीबीआईसी ने कहा, ‘अभी तक कुल 1.42 लाख एक्सपोर्टर्स में 5,106 रिस्की एक्सपोर्टर्स की पहचान की गई है। इस प्रकार कुल एक्सपोर्टर्स की तुलना में रिस्की एक्सपोर्टर्स की संख्या महज 3.5 फीसदी है।’

सरकारी खजाने को नुकसान से बचाने का है लक्ष्य
सीबीआईसी ने गुरुवार को कहा, ‘इन रिस्की एक्सपोर्टर्स को निर्यात की तत्काल मंजूरी दी गई है। हालांकि, अधिकतम 30 दिनों के भीतर आईटीसी के सत्यापन के बाद ही रिफंड जारी किया जाएगा।’ सीबीआईसी ने कहा कि आईजीएसटी रिफंड्स की मैनुअल जांच का उद्देश्य बेईमान निर्यातकों को सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने से रोकना है।

रोज फाइल होते हैं 20 हजार शिपिंग बिल
इसमें कहा गया कि बीते दो दिनों यानी 17 और 18 जून को कुल 925 एक्सपोर्टर्स द्वारा फाइल किए गए सिर्फ 1,436 शिपिंग बिलों पर रोक लगाई गई है। सीबीआईसी ने कहा, ‘रोजाना 9 हजार एक्सपोर्टर्स द्वारा लगभग 20 हजार शिपिंग बिल फाइल किए जाते हैं, इस प्रकार दखल का स्तर बेहद कम बना हुआ है।’

सीबीआईसी ने कहा, ‘सत्यापन की नई कवायद का उद्देश्य सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान से बचाना और दोषियों पर कार्रवाई करना है। सीबीआईसी ईमानदार निर्यातकों को भरोसा दिलाता है कि उन्हें समयबद्ध तरीके से ऑटोमैटिकली आईजीएसटी रिफंड मिलता रहेगा।’