नई दिल्ली। बढ़ता तापमान और सूखा पड़ने की आशंका के बीच प्याज के दाम आसमान छू सकते हैं। महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में अत्यधिक गर्मी पड़ रही है और पिछले साल की ही तरह यहां सूखे जैसे हालात हो गए हैं। इन क्षेत्रों से देश के कुल प्याज उत्पादन का 60 फीसदी आता है। इन क्षेत्रों में गर्मी के प्रकोप के चलते प्याज की पैदावार प्रभावित होने की आशंका है, जिससे प्याज के दाम बढ़ सकते हैं।
अगस्त तक काफी महंगा सकता है प्याज
महाराष्ट्र में लसालगांव मंडी में प्याज 12 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक रबी की फसल में प्याज की बुवाई 15-20 फीसदी तक घटी है और अभी ही प्याज का दाम 12 रुपए किलो हो गया है।
इसके चलते डर बना हुआ है कि अगस्त आने तक प्याज का दाम कहीं अधिक हाे जाएगा। पिछले साल अधिक प्याज के चलते प्याज 1 रुपए प्रति किलो में बिक रहा था। तब भी किसानों को नुकसान झेलना पड़ा और इस साल कम उत्पादन की आशंका से भी नुकसान हो सकता है।
गर्मी ने बढ़ाई मुसीबत
प्याज निर्यातक एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अजित शाह के मुताबिक दक्षिण भारत में प्याज के उत्पादन को लेकर चिंता ज्यादा है। दक्षिण भारत 20 फीसदी से अधिक प्याज का उत्पादन करता है। गुजरात में भी 10 फीसदी कम उत्पादन होने की आशंका है। अत्यधिक तापमान के चलते न सिर्फ प्याज का उत्पादन घटता है, बल्कि प्याज को स्टोर करना भी चुनौती भरा हो जाता है।
सामान्य रहा मॉनसून तो नहीं बढ़ेगा दाम
प्याज के दाम लंबे समय से नियंत्रण में रहे हैं। बीते पांच सालों में 50 फीसदी उत्पादन बढ़ने से जनवरी-फरवरी में प्याज के दामों में तेज गिरावट हुई थी। हालांकि अजित शाह का कहना है कि प्याज का स्टॉक काफी है और अगर मॉनसून सामान्य रहता है तो प्याज के दाम नहीं बढ़ेंगे। मॉनसून के अलावा भी प्याज का दाम वेस्टेज पर भी निर्भर करता है।
वेस्टेज का आकलन तकरीबन 30 फीसदी किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्याज को ज्यादा दिनों तक स्टोर नहीं किया जा सकता है, अत्यधिक बारिश से प्याज खराब हो जाती है और तापमान बढ़ने से प्याज सूख जाता है जिससे उसकी क्वालिटी पर असर पड़ता है।