बढ़ता तापमान चिंता का विषय : विधायक भरत सिंह

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कोटा। विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर विधायक भरत सिंह ने कहा कि बढ़ता तापमान चिंता का विषय है। इसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण में पेड़ों का काटना प्रमुख है। सिंह ने चिंता जताई की विधान सभाओं में भी कोई ठोस काम नहीं होता। जनता जागरूक रह कर अपनी जिम्मेदारी से काम करे।

वे मंगलवार को जल बिरादरी की चम्बल संसद की ओर से विज्ञान नगर स्थित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के भवन में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। महापौर महेश विजय ने कहा कि वेस्टमेनेजमेंट के द्वारा भी हम चम्बल को शुद्ध रखने की दिशा में काम कर सकते है। नगर निगम ने पूर्व में पॉलीथीन प्लास्टिक वेस्ट को रिसाईकिल करने के संयंत्र लगाने का सुझाव दिया।

मुख्य वक्ता शिक्षाविद् डॉ. गोपाल सिंह ने कहा कि पर्यावरण के बिगड़ने का दुष्प्रभाव आर्थिक स्थिति पी भी पड़ता है। ग्लोबल वर्मिंग से सभी चिंतित है। नदियां सम्यता को साथ लेकर चलती है। इसकी सुरक्षा समाज व शासन की जिम्मेदारी है। महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के समन्वयक पंकज मेहता ने कहा कि चम्बल को शुद्ध रखने के लिए निरंतर जागरूकता कार्यक्रम चलना चाहिए।

इंस्टीट्यूट के चेयरमेन ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान में लोग पानी बचाने को बेहतर समझते है। जल संग्रहण उनसे सीखा जा सकता है। इंस्टीट्यूट बेहतर तकनीक के साथ पर्यावरण के संरक्षण में योगदान करता रहेगा। जल बिरादरी के संभागीय अध्यक्ष चंद्रकांत सिंह परमार ने कहा कि जल ग्रहण परियोजनाओं से भविष्य के जल को बचाया जाए। जल बिरादरी ने कई जगह ये प्रयोग किए हैं।

कोटा सिटीजन काउंसिल के अध्यक्ष एलसी बाहेती ने कहा कि पाफलीथीन प्लास्टिक को बंद करना संभव नहीं है। उसे रिसाईकिल युनिट में भेजा जाए। एसएलआरएम अच्छा प्रयोग था। चम्बल संसद के सभापति जीडी पटेल ने कहा कि चम्बल को बचाने के लिए हम कुछ करेंगे।

हाड़ौती किसान यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने महात्मा गांधी के जीवन दर्शन में पर्यावरणीय समस्याओं का हल बताया। जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय ने चम्बल की अप स्ट्रीम को भी इसमें शामिल करने का सुझाव दिया।

आरएपीपीके पूर्व स्थल निर्देशक सीपी झाम्ब,एएसआई के महाप्रबंधक एससी अग्रवाल, साहित्यकार पुरूषोत्तम पंचोली,जल बिरादरी के महामंत्री संजय शर्मा, समाजसेवी राजेंद्र जैन,पूर्व संरपंच डॉ एलएन शर्मा,डॉ. कृष्णेंद्र सिंह, उर्वशी शर्मा आदि ने विचार व्यक्त किए। पर्यावरण परिषद की गीता दाधीच ने गीत प्रस्तुत किया। मंच संचालन शिक्षविद् सीमा घोष ने किया।