इंटेलीब्रेन प्रोग्राम में अब बच्चे सीखेंगे फायर फाइटिंग स्किल्स

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कोटा। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए श्रेष्ठ शिक्षण देने के साथ-साथ सामाजिक सरोकार व जागरूकता के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से एलन पीएनसीएफ डिवीजन के अंतर्गत इंटेलीब्रेन प्रोग्राम संचालित किया जा रहा है, जिसके जरिए छोटे बच्चों में प्रायोगिक शिक्षण के जरिए संस्कार, व्यवहार और जागरूकता का संचार किया जा रहा है।

एलन इंटेली ब्रेन प्रोग्राम हेड चांदनी बंसल ने बताया कि अब इंटेलीब्रेन के इंटेली स्कूल ऑफ लाइफ स्किल्स के तहत 8 से 15 वर्ष तक के बच्चों को फायर फाइटिंग स्किल्स सिखाए जाएंगे। इसके लिए एक विशेष प्रोग्राम तैयार किया गया है, जिसमें बच्चों को प्रायोगिक तरीके से फायर फाइटिंग उपकरणों का इस्तेमाल करना, आपातकालीन चिह्नों को समझना, आग से दूर रहना, आग लगने पर वहां से बचकर निकालना, आग लगने पर कहां, किसे सूचित करना है, प्रारंभिक प्रयासों के बारे में बताया जाएगा।

इन सब बातों को लेकर एक निःशुल्क फायर सेफ्टी वर्कशॉप भी 4 जून को आरकेपुरम स्थित डीडीपीएस स्कूल में आयोजित की जाएगी। रजिस्ट्रेशन के लिए तलवंडी स्थित एलन समन्वयक कैम्पस में आवेदन किया जा सकता है।

बंसल ने बताया कि इंटेलीब्रेन 4 से 11 साल तक के बच्चों के लिए अत्याधुनिक प्रोग्राम है जिसमें सालभर में 20 से 50 बार बुलाकर एचकेजी से कक्षा 5 तक के विद्यार्थियों को किताबी पढ़ाई को एक्सपेरिमेंट और एक्सपीरियंस के तरीके से पढ़ाते है जिससे कि बच्चों का मानसिक स्तर, भाषा, कॉन्फिडेंस और पढ़ाई के प्रति लगाव डवलप होता है।

पीएनसीएफ प्रभारी अमित गुप्ता ने बताया कि साइंटिफिक रिसर्च के अनुसार यदि 4 से 11 साल के बच्चों को कोई भी चीज एक्सपेरिमेंट और एक्सपीरियंस के तरीके से सिखा दी जाए तो वह ना केवल उनको आजीवन याद रहती है बल्कि वह उन्हें असल जीवन में भी लागू कर पाते हैं।

इसी उद्देश्य से शुरू किए गए एलन इंटेलीब्रेन प्रोग्राम के इंटेली स्कूल ऑफ लाइफ स्किल्स में सुरक्षा जागरूकता में यह नया फीचर जोड़ा गया है। इस वर्कशॉप में बच्चों को संयम और समझदारी के साथ उस परिस्थिति से बाहर आना, अलग अलग आपातकालीन चिन्हों का महत्व, विपरीत परिस्थितियों में मोबाइल और हमारे पास मौजूद सामान को इमरजेंसी टूल्स की तरह इस्तेमाल करना सिखाएंगे।